विपक्ष को बंगाल में फैले ममता की कारिस्तानी नजर नहीं आ रही है पूरे बंगाल में हाय तौबा मची है देश बर्बाद हो रहा है ये सब कांग्रेसी नेता को नजर नहीं आ रही है। लोकसभा चुनाव में ममता ने इन्हे भी ठेंगा दिखा दिया है फिर भी अक्ल ठिकाने नही आई राजनीति की बुखार इस कदर चढ़ी हुई है की गुरुद्वारा जैसा पवित्र और धार्मिक स्थान को भी राजनीति के रंग में रंगने पहुंचे धनबाद कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सतपाल सिंह ब्रोका। मामला था भाजपा नेता सुवेन्दु अधिकारी,एवम अग्निमित्रा पाल के द्वारा पश्चिम बंगाल के संदेश खाली प्रदर्शन के दौरान सिख आई पी एस अधिकारी जसप्रीत सिंह को खालिस्तानी कहे जाने का घटना इतनी दूर और विरोध धनबाद में। भाई विपक्ष भी कोई चीज होती है जिसे ममता की कारिस्तानी नजर कैसे आए ये तो सुवेंदुअधिकारी पर 295 ए के तहत मुकदमा दर्ज करने की बंगाल पुलिस से मांग कर रहे हैं सतपाल सिंह ब्रोका मांग करते है ,कि ऐसे लोगों पर बंगाल की ममता सरकार एवं ए डी जी बंगाल पुलिस पदाधिकारी त्वरित गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेते हुए 295 ए के तहत मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई ताकि भविष्य में कोई भी नेता किसी को जात,धर्म, वेशभूषा ,के आधार पर अपशब्दों का प्रयोग ना कर सके भावनाओं को ठेस ना पहुंच सके सुवेंदु अधिकारी ने सार्वजनिक स्थान पर पगड़ी पहने हुए सिख अधिकारी को ही नहीं बल्कि संपूर्ण सिख धर्म की परंपराओं मर्यादाओं पर हमला कर अपमानित करने का काम किया है। भाजपा के नेताओं ने पूर्व में भी जब किसान आंदोलन वन प्रारंभ हुआ था पंजाब के किसानों को आतंकवादी खालिस्तान देशद्रोही नक्सली शब्दों का प्रयोग किया था उन्होंने सरकार की तरफ से तो सुप्रीम कोर्ट में रिटन एफिडेविट हलफनामा दाखिल कर यह बात किसानों के लिए कही थी कि आंदोलन में खालिस्तानी है इन्हे खालिस्तानी बैंकिंग है लेकिन आज तक वे साबित नहीं कर पाए सिखों के लिए ऐसे दुर्भावना , नफरत यह दर्शाता है कि उनके सोच उनके जेहन में कैसे घर गई है देश की आजादी से लेकर अब तक सिखों की शहादत कि भूमिका का एक लंबा सर्वांगीण इतिहास रहा है और आगे भी देश के लिए रहेगा सत्ता के अहंकार में भाजपा के नेता आए दिन लोगों को देशद्रोही आतंकवादी खालिस्तानी या नक्सली होने का प्रमाण पत्र बांट रही है। सतपाल सिंह सिखो को ये बताना भूल गए कि जब माननीय प्रधान मंत्री पंजाब गए थे तो उनके साथ क्या हुआ था पूरे दुनिया में आदर्श माने जाने वाले मोदी दुर्भाग्य वश ऐसे लोगो के प्रिय क्यों नही बनते और तो और नई नवेली आम आदमी पार्टी ने विधान सभा चुनाव में इन्हे क्यूं और कैसे पंजाब में ही पटक दिया। बात ये किसान आंदोलन की करते हैं किसान आंदोलन के पीछे जो खेल खेली जा रही थी और खेली जा रही है वो किसी से छुपी नहीं है । प्रस्तुत है पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद के बड़े गुरुद्वारा से
Posted inJharkhand