रांगाटांड स्थित रेलवे ऑफिसर्स क्लब में आज एमएसएमई विकास कार्यालय द्वारा पीएम विश्वकर्मा योजना पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सह माननीय सांसद धनबाद श्री पशुपतिनाथ सिंह ने लोगों से इस योजना का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह स्वनियोजन के साथ दूसरे लोगों को रोजगार देने वाली योजना है। केंद्र सरकार ने योजना के लिए 13000 करोड रुपए का बजट में प्रावधान रखा है। योजना के लिए अब तक 4 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए है। इसमें 18 तरह के परंपरागत ट्रेड का चयन किया गया है। सहायक निदेशक एमएसएमई धनबाद सह कार्यक्रम के संयोजक श्री सुजीत कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्टेकहोल्डर्स को योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देना एवं उनके प्रश्नों का समाधान करना है। इस अवसर पर एमएसएमई धनबाद के सहायक निदेशक प्रभारी श्री दीपक कुमार ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाड़ू, गुड़िया और खिलौने, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले सहित 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5 – 7 दिन का प्रशिक्षण एवं 500/- रुपए प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट हेतु 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रूपए तक का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रस्तुत है पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से
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