रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी का एन्जैक-क्लास फ्रिगेट एचएमएएस वाररामुंगा रविवार को बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास, ‘मिलन 2024’, में भाग लेने के लिए विशाखापत्तनम पहुंचा गया है। पूर्वी नौसेना कमान के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोत की भागीदारी दोनों देशों के बीच समुद्री साझेदारी को अधिक बढ़ाना है। इससे पहले, पूर्वी नौसेना कमान ने वियतनाम पीपुल्स नेवील के कॉर्वेट-20 और ब्रिटेन की नेवी के यूएसएस हैल्सी का भी स्वागत किया था। एक सोशल मीडिया पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी गई। ‘मिलन’ अभ्यास का 12वां संस्करण 19 से 27 फरवरी तक विशाखापत्तनम में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 50 से अधिक देशों की भागीदारी होगी। यह सबसे जटिल नौसैनिक अभ्यास है, जो भारत अन्य देश के साथ करता है। मिलन एक बहुपक्षीय युद्ध नौसैनिक अभ्यास है, जिसे 1995 में शुरू किया गया था। एक आधिकारिक पोस्ट में कहा गया कि विशाखापत्तनम नौसैनिक जहाजों का नेतृत्व करता है, जो स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए प्रतिबद्ध है। इसका उद्देश्य समुद्री जहाजों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटना है। संयुक्त अभ्यास के जरिए देशों के बीच तालमेल बिठाना है। इस अभ्यास का विषय ‘सुरक्षित समुद्री भविष्य के लिए नौसेना गठबंधन बनाना’ है।
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