कैमूर। सूबे में शराबबंदी के खेल तेजी से फलफूल रहा है। जिस महिलाओं के घर को बचाने के लिए नीतीश कुमार ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश सरकार ने अभियान चलाया। लेकिन नीतीश सरकार का शराबबंदी झूठा साबित हो रहा है। इसका उदारणल कैमूर के भभुआ प्रखंड के बेतरी गांव में शराब, गांजा, हेरोइन पीकर पत्नी समेत परिजनों को पिटा जा रहा है। जिससे आजिज होकर उक्त गांव की महिला और पुरुष समाहरणालय पहुंचे और जिलाधिकारी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसे अवैध कारोबार के खिलाफ मुहिम जल्द शुरू करनी चाहिए। क्यों कि किसी भी धर्म अथवा संप्रदाय के पर्व पर मदिरापान करने की इजाजत नहीं है। इसलिए पुलिस प्रशासन को पर्व के दौरान शराब की बिक्री खासतौर से अवैध ढंग से बिक्री की जाने वाली शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लगानी चाहिए। क्यों कि अवैध शराब के कारोबारी अधिक लाभ अर्जित करने के लिए तमाम तरह के उल्टे-सीधे कार्य भी करने लगते हैं। जिससे जनहानि की संभावना प्रबल हो जाती है। अत: जनहित में पुलिस को इस तरह के अवैध कारोबार को सख्तीपूर्वक रोकना चाहिए। उक्त गांव के महिलाओं ने कैमूर डीएम सावन कुमार से गुहार लगाते हुए कहा है कि साहब गांव में नशे का हर सामान बिक रहा है और पति और भाई – बंधु हो रहे है बर्बाद। समाजसेवी प्रो कमला सिंह और मुखिया श्रवण कुमार पटेल के नेतृत्व में डीएम से मिलने जिला समाहरणालय पहुच गयी। महिलाओं का कहना था कि साहब गांव में शराब से लेकर गांजा और हेरोइन यहां तक कि व्हाइटनर खुलेआम बिक रहा है जिसके आदि होकर उनके पति, भाई सहित परिजन बर्बाद हो रहे है। ग्रामीणों के आवेदन पर डीएम ने कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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