15 जनवरी 2024 को शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने एक हैंडल पर एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में भाजपा के खिलाफ अगर कोई दो युवा नेता बड़ा आंदोलन या बड़ा प्रतिरोध खड़ा कर सकते हैं तो वह कांग्रेस के राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव हैं। उक्त बातें नगर निगम के पूर्व मेयर सह भाजपा प्रदेश कमेटी सदस्य जितेंद्र तिवारी ने आसनसोल के गोधूली स्थित उनके आवासीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन कर पत्रकारों से कही। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस द्वारा शत्रुघ्न सिन्हा को टीएमसी की टिकट पर लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर अपने विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि टीएमसी द्वारा शत्रुघ्न सिन्हा को लोकसभा के लिए आसनसोल सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा की ख्वाहिश थी कि वह आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का हाथ पड़कर बिहार से चुनाव लड़ेंगे। इस वजह से उन्होंने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं की तारीफ की। लेकिन जब बिहार में सत्ता पलट हो गई और नीतीश कुमार भाजपा के खेमे में आ गए। तब उनको यह समझ में आ गया कि अब बिहार से जीतना उनके लिए मुश्किल है। इसलिए वह फिर से ममता बनर्जी की शरण में आ गए और ममता बनर्जी की तारीफ करने लगे। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को जब शत्रुघ्न सिन्हा ट्वीट किया था तब उन्होंने हिंदुस्तान के युवा नेताओं में अभिषेक बनर्जी का नाम नहीं लिया था। लेकिन अब वह एक बार फिर ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की तारीफ कर रहे हैं। इसके साथ ही जितेंद्र तिवारी ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा ने पिछले दो वर्षों में आसनसोल को लेकर संसद में एक भी सवाल नहीं पूछा। वह पूरे देश विदेश के लोगों और उनकी समस्याओं के बारे में बात करते है। लेकिन आसनसोल की समस्याओं के बारे में बात करने के लिए उनके पास समय नहीं है। वह चाह रहे थे कि बिहार से वह लोकसभा का चुनाव लड़ें। लेकिन जब उनको यह पता लग गया कि वहां से जीतना उनके लिए असंभव नहीं है। एक बार फिर आसनसोल के लोगों की तारीफ करने लगी। जिसके लिए आसनसोल प्राथमिकता उनकी सूची में सबसे निचले पायदान पर है। आसनसोल की जनता से अनुरोध किया कि आने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान करने से पहले इन सब बातों पर गौर करें। उन्होंने कहा कि आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा को एक बार फिर प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे मजा यह है कि आसनसोल में टीएमसी के अंदर गुटबाजी इतनी ज्यादा है की ममता बनर्जी ने बाहर की एक आदमी को यहां से फिर से उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने कहा कि बाबुल सुप्रियो जब सांसद बने थे तो उन्होंने यहां अपना एक स्थाई निवास लिया था। यहां के वोटर लिस्ट में अपना नाम चढ़ावाया था। लेकिन 2 साल हो गए अभी तक शत्रुघ्न सिन्हा ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। क्योंकि वह आसनसोल के नहीं हो पाए।
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