राहुल गांधी का भारत जोड़ो न्याय यात्रा 3 फरवरी शनिवार को 21वा दिन गोड्डा से होते हुए देवघर पहुंचा जहां देवघर के मोहनपुर में प्लस टू विद्यालय में विश्राम करने के बाद सड़क मार्ग से होते हुए बाबा बैद्यनाथ मंदिर राहुल गांधी का काफिला पहुंचा जिसके बाद राहुल गांधी ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना की बाबा बैजनाथ मंदिर में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूरे विधि विधान से राहुल गांधी को पूजा अर्चना कराया गया पूजा अर्चना करने के बाद राहुल गांधी रोड शो करते हुए बाबा बैद्यनाथ मंदिर से टावर चौक होते हुए देवघर के वीआईपी चौक पहुंचे इस बीच सैकड़ो की संख्या में सड़क किनारे कांग्रेस के कार्यकर्ता आम जनता खड़े होकर उनका स्वागत किया राहुल गांधी ने सभी का अभिवादन हाथ मिलाकर और हाथ जोड़कर स्वीकार किया भारत जोड़ो न्याय यात्रा रोड शो करते हुए देवघर के वीआईपी चौक पर पहुंचा जहां राहुल गांधी ने जनता को संबोधित किया अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि 1 साल पहले भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की गई थी जिसमें नफरत की बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली गई थी बहुत सारे लोग इसमें जुड़े थे कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोग जुड़कर भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाया था वहीं इसके बाद भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की गई है इसका भी लक्ष्य इस नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलना है इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि अब हिंदुस्तान में ऐसा लगता है कि नफरत फैल रहा है जिसमें देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है देश का युवा रोजगार चाहता है बीजेपी ने बेरोजगारी फैला दी है इस देश की नई बीमारी बेरोजगारी हो गई है और इस बेरोजगारी का कारण नोटबंदी जीएसटी लागू करना उसके साथ अग्नि वीर जो युवाओं को सेना में रोजगार मिलता था वह भी खत्म कर दिया है पिछले दिनों राहुल गांधी के पास आए और उन्होंने कहा कि अग्नि वीर योजना के पहले उनका भरती सेना सेवा में हो गया था लेकिन अग्नि वीर योजना आने के बाद ना तो यह सेना में जा पा रहे हैं और ना ही अग्नि वीर में शामिल हो पा रहे हैं ऐसे में लगभग 1लाख 50 हज़ार युवा को सेना में भर्ती नहीं लिया जा रहा है उसको लेकर भी न्याय यात्रा निकाली गई है जब तक उन लोगों को न्याय नहीं मिलती यह यात्रा जारी रहेगी यह सारी बातें आर्थिक हुई अब सामाजिक बातें भी होनी चाहिए जिसमें हिंदुस्तान के में अलग-अलग जाति के लोग रहते हैं जिसमें ओबीसी एससी-स्ट दलित पिछड़ा आदिवासी हैं कोई नहीं जानता कि इस देश में दलित पिछड़े आदिवासी की संख्या कितनी है लेकिन सभी यह जानते हैं कि देश में सबसे अधिक दलित पिछड़े और आदिवासी की संख्या है बड़े-बड़े 500 कंपनियों में दलित की संख्या जीरो है पिछड़ी की संख्या जीरो है आदिवासी की संख्या जीरो है ऐसे में दलित पिछड़े आदिवासी के लिए न्याय दिलाने की बारी है जिसको लेकर जाति जनगणना बेहद आवश्यक है जाति जनगणना हिंदुस्तान का एक्स-रे का काम करेगी यही पहला कदम न्याय का होगा इधर मोदी सरकार कहते हैं कि देश में सिर्फ दो जात है आमिर और गरीब जात ऐसे में वह ओबीसी से कैसे आ गए। देश को जोड़ना नफरत का बाजार बंद करना ही इस न्याय यात्रा का लक्ष्य है
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