कोयलांचल झरिया के तीसरा क्षेत्र MOCP दुर्गा मंदिर प्रांगण 5 से 13 जनवरी तक हो रहे श्रीमद् भागवत कथा के समापन दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज जी ने भक्तों को “हरि की अंत समय याद आई ” भजन का श्रवण कराया। वहीं कथावाचक श्री सुरेंद्र हरिदास जी महाराज ने कहा कि सुबह स्नान कर के मनुष्य को श्रीकृष्ण के मंदिर में जाना चाहिए और गोविन्द को मन में अपनी मनोकामना रखते हुए चंदन लगाकर तुलसी पत्र चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से मनुष्य की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। इस संसार में भगवान से जल्दी कोई भी मन की बात नहीं सुन सकता क्योंकि भगवान हर जगह पर होते हैं। उन्होने कहा कि जिस ने भी कथा को अपने जीवन में उतारा है उन सब का कल्याण हुआ है। दुर्भाग्य तो बस इस बात का है कि आज का मनुष्य कथा को टाइम पास कहता है। सब को अपने मन कर्म और वचन से कथा का आनंद लेना चाहिए। मनुष्य इतना खुद के करीब नहीं होता जितना भगवान उस मनुष्य के करीब होता है बस मनुष्य उसको पहचान नहीं पता है और यही मनुष्य का दुर्भाग्य होता है। भगवान की कृपा के अलावा कोई भगवान को जान नहीं सकता है। भगवान को पाने का रास्ता केवल सत्संग होता है इसलिए मनुष्य के जीवन में सत्संग का बहुत बड़ा महत्व होता है। वहीं आज कथा का समापन किया जाएगा और 13 जनवरी को पूर्णाहुति हवन महाप्रसाद भंडारा किया जाएगा।
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