नालंदा जिला के बिहारशरीफ एक ओर जहां सुशासन बाबू की सरकार महिला सशक्तिकरण व उनके सम्मान की बात करती हैं। वहीं दूसरी ओर उनके शासन में कार्य करने वाले अधिकारी न्याय की गुहार लगाने गई महिला के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं। जमीन से संबंधित ऐसा ही मामला आया है। वेन प्रखंड के मुरगावां गांव निवासी राकेश कुमार ने अपनी पत्नी नीलू देवी के नाम से 1.5 डी जमीन 2014 में मौजा पीरपहाड़ी में प्लॉट नंबर 850,खाता नंबर 180 में स्व रामबृक्ष शर्मा के पुत्र सनातन शर्मा से ख़रीदा। उस समय से उनका जमीन परती था। पीड़ित नीलू देवी ने बताया कि जब वे अपने जमीन पर भवन निर्माण कार्य आरंभ किये तब पड़ोस में रहने वाले नागेन्द्र शर्मा ने उस जमीन का फर्जी कागजात बनवाकर मकान बनाने में अवरोध पैदा कर दिया। इस परेशानी के कारण पति-पत्नी दोनों अंचल कार्यालय में आवेदन देकर पिछले 8 महीना से चक्कर काट रहे हैं लेकिन अंचलाधिकारी के द्वारा अभी तक उसका निष्पादन नहीं किया गया। बता दें कि बीते महीनें पहले जिलाधिकारी द्वारा प्रखंड निरीक्षण के दौरान यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में भी आवेदक द्वारा दिया गया। उनके निर्देश के बावजूद भी आज तक इस मामले को निष्पादित नहीं किया गया। पीड़िता नीलू देवी ने यह भी बताया कि बीते सोमवार को जब वह आवेदन को लेकर सीओ से मिलने कार्यालय में पहुंची तब सीओ उसके आवेदन को देखकर भड़क गए और आवेदन को लौटाते हुए कहा कि आपका काम डीएम साहब ही करेंगे। अब विचार करने वाली बात यह है कि अधिकारी ही इस तरह की भाषा का प्रयोग करने लगें तो फरियादी किसके पास जाय। वहीं पूछे जाने पर अंचलाधिकारी धर्मेंद्र पंडित ने बताया की महिला द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। जो या एक जांच का विषय है।
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