भौंरा – दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष श्री सरयू राय का प्रेस वक्तव्य

भौंरा ओपेन कास्ट माइंस के ओवर डंपिंग से दामोदर नद की पारिस्थितिकी को नुक़सान नहीं पहुँचने और वायु प्रदूषण नहीं होने का बीसीसीएल के एमडी का बयान निहायत ग़ैरज़िम्मेदाराना और अफ़सोसनाक अवैज्ञानिक है l बीसीसीएल एमडी का बयान एक ऐसी कंम्पनी के एमडी का बयान प्रतीत होता है जिसका उद्देश्य नियम- क़ानून को ठेंगा दिखाकर लोभ-लाभ अर्जित करना है. आउटसोर्सिंग ठेकेदार के साथ अपनी टीम द्वारा स्थल निरीक्षण के उपरांत दिया गया बीसीसीएल एमडी के बयान में विरोधाभास है. स्थल के चित्र और वीडियो पर्याप्त प्रमाण हैं कि ओवरडंपिंग ने दामोदर के पारिस्थितिकी का और सीमा-रेखा का अतिक्रमण किया है और सैकड़ों पेड़ ओवरड्राफ्ट के नीचे दब गए हैं . मैं बीसीसीएल एमडी से पूछना चाहता हूँ कि :- 1. क्या उन्होने डीवीसी अथवा झारखंड सरकार से दामोदर के जल प्रवाह क्षेत्र का नक़्शा लेकर उसका अध्ययन किया है? 2. क्या उन्होंने उस स्थान पर दामोदर के उच्चतम बाढ़ स्तर के आँकड़े प्राप्त किया है? 3. क्या वे गारंटी लेंगे कि मानसून के समय डंपिग का आधार क्षेत्र बाढलकेव पानी में नहीं डूबेगा? 4. क्या उन्होंने वन विभाग को अथवा ज़िला प्रशासन को बड़ी संख्या में वृक्षों के ओवरडंप के नीचे दबने की अनुमति सूचना देकर लिया है? 5. क्या वे आउटसोर्सिंग साईट का माइनिंग प्लान, माइंस क्लोजर प्लान और पर्यावरणीय सहमति ( इनवायरन्मेंट क्लीयरेंस) की प्रतियाँ सार्वजनिक करेंगे और बताएँगे कि इन दस्तावेज़ों में ओवर डम्पिंग के बारे में तथा प्राथमिक जलस्रोतों सहित अन्य जलस्रोतों की पारिस्थितिकी और पर्यावरण को क्षति नही पहुँचे इसके लिए कितनी शर्तें दी गई हैं और उनमें से कितने का पालन बीसीसीएल ने किस प्रकार किया है? 6. क्या उन्होंने दामोदर किनारे गार्डवाल खड़ा करने के बारे में असत्य नहीं बोला है? 7. क्या उन्होंने इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों, प्रशासन और बीसीसीएल प्रतिनिधि के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौता को देखा है ? (प्रति संलग्न). इससे बीसीसीएल एमडी के बयान का विरोधाभास उजागर होता है. 8. बीसीसीएल एमडी का पर्यावरण, पारिस्थितिकी और प्रदूषण के संबंध में यही रवैया है तो मामला निश्चित रूप से न्यायालय जाएगा और न्यायोचित फ़ैसला होगा. अन्य उचित फ़ोरम पर भी इनके वक्तव्य की समीक्षा होगी ही

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