मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को सियासी रणभूमि में उतार दिया था. कैलाश विजयवर्गीय तो जीते ही, चुनावी रणभूमि में उतरे सात में से पांच सांसद भी चुनावी बाजी जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे जबकि दो सांसद चुनाव हार गए थे. चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायकों के सियासी फ्यूचर को लेकर कयासों का दौर तेज हो गया था. विधायकी का चुनाव जीते नेता संसद की सदस्यता छोड़ेंगे या विधानसभा की? अगर संसद की सदस्यता छोड़ विधानसभा में बने रहते हैं तो नई सरकार में इनकी भूमिका क्या होगी? नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल के नाम तो सीएम के लिए भी रेस में शामिल माने जा रहे थे. अब जबकि नए सीएम के साथ ही नई सरकार के मंत्रियों को लेकर भी तस्वीर साफ हो चुकी है, आइए नजर डालते हैं दिल्ली से मध्य प्रदेश भेजे गए नेताओं पर. दिल्ली से मध्य प्रदेश भेजे गए नेताओं का क्या हुआ?
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