फिल्म अभिनेता मनोज बाजपेयी सोमवार की शाम अपने पैतृक गांव बेलवा सपरिवार पहुंचे। गांव पहुंचते ही वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मुझे दुनिया के किसी कोने में वह सुकून नहीं मिलता, जो बेलवा गांव की मिट्टी मुझे देती है। घर में प्रवेश करते ही उनकी आंखें भर आई। मां स्व. गीता देवी और पिता स्व. राधाकांत बाजपेयी को याद कर भावुक हुए। उन्होंने कहा कि मां थी तो सबसे पहले आती थी और कहती थी मनोज आ गइल… और गले लगाती थी। अभी वह कमी खल रही है। मेरी पहचान बेलवा की मिट्टी से है। सुबह उन्होंने गांव और खेत का भ्रमण किया। लोगों का हाल-चाल लिया। साथ में उनकी धर्मपत्नी नेहा और बेटी नायला भी है।
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