यूपी की राजधानी लखनऊ में तैनात एडिशनल एसपी (ASP) श्वेता श्रीवास्तव के इकलौते बेटे नामिश की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. आरोपियों (सार्थक सिंह और देवश्री वर्मा) ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि जब रेस लगाई गई थी तभी तय कर दिया गया था कि रास्ते में कोई भी आया तो उसे उड़ा देंगे. ब्रेक नहीं लगाएंगे. यह बात आरोपी सार्थक ने देवश्री से कही थी. यही वजह है कि मासूम को रौंदते हुए SUV निकल गई. ‘आरोपियों को लग रहा था कि पुलिस ट्रेस नहीं कर पाएगी’। CCTV फुटेज में गाड़ी का नंबर भी ट्रेस नहीं हो पाया था. आरोपी ये सोच रहे थे कि पिता सपा नेता रविंद्र सिंह दोनों को बचा लेंगे. यही वजह है कि वारदात के बाद घर जाकर सबसे पहले इसकी जानकारी दी थी. ADCP पूर्वी जोन सय्यद अली अब्बास के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने जिस तरीके से टक्कर मारी थी और CCTV फुटेज नहीं मिले थे, इससे उनको लगा था कि पुलिस उन्हें ट्रेस नहीं कर पाएगी.
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