लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है कल लौकी भात था आज खरना है इस अवसर पर आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल ने शनिवार को जमुड़िया विधानसभा क्षेत्र के जमुड़िया थाना मोड़ अंतर्गत शांति नगर इलाके में पहुंची यहां पर उन्होंने छठव्रति महिलाओं को घर घर जाकर छठ पूजा की सामग्री एवं साड़ी प्रदान की. इस मौके पर राणा बनर्जी,सुब्रतो घोषाल,मनोज सिंह,सुनीता क्याल,राहुल अग्रवाल,साधन माजी,सहित तमाम भाजपा कार्यकर्ता समर्थक मौजूद थे। इस दौरान अग्निमित्रा पाल ने कहा की यह उनकी खुशनसीबी है कि वह एक ऐसे जिले की निवासी हैं जहां पर दुर्गा पूजा काली पूजा के साथ-साथ आस्था का महा पर्व छठ भी मनाई जाती है,इसी उपलक्ष्य पर आज वह यहां आईं और उन्होंने सभी छठव्रतियों के बीच छठ पूजा की सामग्री तथा साड़ियां प्रदान की उन्होंने कहा कि छठ एक महा पर्व है जिसे लोग पूरी आस्था के साथ मनाते हैं यह एक बेहद कठिन पर्व है जिसमें छठ व्रति तकरीबन 48 घंटे निर्जला उपवास करते हैं उन्होंने छठ मैया से सभी के लिए मंगल कामना की इसके उपरांत तृणमूल कांग्रेस तथा राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि जो काम प्रशासन को करना चाहिए था उसका लेश मात्र काम भी प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है छठ घाट की साफ सफाई नहीं की गई है रास्तों की मरम्मत नहीं की गई है यहां तक की नालियां भी नहीं बनाई गई है जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है उन्होंने कहा कि वर्तमान तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमारे राज्य को 200 वर्ष पीछे धकेल दिया है पहले कहा जाता था कि बंगाल आज जो सोचता है पूरा भारत कल वह सोचता है लेकिन आज इस सरकार के शासनकाल में नौबत ऐसी आ गई है कि आज जो भारतवर्ष सोचता है बंगाल को सोचने में वह 500 वर्ष लग जाते हैं उन्होंने कहा कि एक अशुभ शक्ति इन दोनों बंगाल की सत्ता पर काबिज है और उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की की जल्द से जल्द बंगाल की जनता को इस अशुभ शक्ति से छुटकारा मिले उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता मंत्री सिर्फ इसी फिराक में रहते हैं कि किस तरह से अपनी जेब भरी जाए इसके लिए वह हर प्रकार के गैर कानूनी तरीकों को भी अपने के लिए तैयार है उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी इस सरकार से बंगाल की जनता को मुक्ति मिलेगी उतना ही इस प्रदेश के लिए अच्छा है । विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं ऐसे हजारों छठ व्रति लोग हैं जिनको कच्चे मकानों में रहना पड़ता है छोटे-छोटे बच्चों को लेकर उन्हें ठंड में हो या बरसात के मौसम में परेशानी में जिंदगी गुजारनी पड़ती है लेकिन यहां की सरकार और यहां के सत्ताधारी पक्ष के नेताओं को कोई फिक्र नहीं है
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