अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार 2017 से पुरस्कृत एकल अभियान, समाज में संस्कार-युक्त शिक्षा के माध्यम से समरसता, स्वाभिमान व स्वावलम्बी भाव के साथ दूर सुदूर वनवासी गाँव में शिक्षा के साथ गाँव के सम्पूर्ण विकास का बीड़ा उठाए ऐसे एकल अभियान के अंतर्गत संचालित एकल श्रीहरि गौग्राम योजना भी सम्मिलित है । एकल श्रीहरि “ गौ ग्राम योजना” के तहत ऐसे गौवंश जो दूध देना बंद कर दी थी, जो बूचड़खाना कटने जा रहे थे, जो गौशाला के ऊपर बोझ थे, ऐसे गौवंसो को ले करके एकल अभियान श्रीहरि गौग्राम योजना के तहत गाँव के किसान को दिया जा रहा है और बाद में किसान द्वारा एकत्रित ऐसे गाय के गोबर को वापस किसान से करीब 07 से 08 रुपया प्रति के॰जी॰ के हिसाब से एकल श्रीहरि गौग्राम योजना द्वारा खरीदा जा रहा है और वापस वो गोबर पिस करके उसी किसान को दिया जा रहा है जिस से किसान घर की महिला गोवर से दिया, मांगलिक चिन्ह, धूप बत्ती, इत्यादि गौउत्पाद बना रहे है जिसका उचित मूल्य भी किसान घर के महिलाओं को एकल श्रीहरि गौग्राम योजना द्वारा दिया जाता है । ऐसा करके किसान घर की महिलाओं को अच्छा मासिक आय तो हो ही रहा है साथ ही समाज कि ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के साथ स्वावलम्बी बनाया जा रहा है। जिससे उनका आर्थिक विकास के साथ साथ सामाजिक विकास भी हो रही है । इसी निमित्त धनबाद के स्थानीय गाँव धाँगी को चैनीत किया गया है । धाँगी गाँव में आज एकल गौ ग्राम योजना का सेंटर का उद्घाटन वहाँ के सरपंच श्री धांजय मिरधा एवं श्री मंतोस रवानी के शुभ करकमलों से किया गया । धाँगी को केंद्र मानते हुए धनबाद शहर के ऐसे सभी सेवा बस्ती एवं स्लम या मलिनी बस्ती जिनको एकल अभियान शबरी बस्ती से संबोधित करता है उन्मे देसी गौवंश के गोबर आधारित उत्पाद निर्माण किया जाएगा और ऐसे सेवा बस्तियों के महिलाओं को गौ उत्पाद निर्माण के कुटीर उद्योग से रोजगार प्रदान कर आत्मनिर्भर करने के प्रयास किया जा रहा है । इसी क्रम में धनबाद शहर में भीख माँगने वाले बच्चों के परिवार को भी जोड़ करके आत्मनिर्भर बनाया जायेगा और फिर शिक्षा कि क्रांति से जोड़ा जायेगा। एकल श्रीहरि गौ ग्राम योजना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री केदार नाथ मित्तल ने बताया कि, धनबाद शहर स्थित धाँगी गाँव के सभी गौ पालको से संपर्क करके उनके गोबर एकत्रित किया जाएगा जिसका उन गौपालको को उचित मूल्य प्रदान किया जाएगा और आज उद्घाटित गौ ग्राम केंद्र में लगे मशीन में एकत्रित सूखे गोबर को पीसा जाएगा और फिर गाँव की महिलाओं को पीसा हुआ गोबर दे करके उस से गौ उत्पाद जैसे दीपक, धूप बत्ती, मांगलिक चिन्ह, इत्यादि बनवाया जाएगा । धीरे धीरे केचूआ आधारित जैविक खाद ( बर्मी कम्पोस्ट ) के निर्माण का भी प्रशिक्षण एकल गौ ग्राम योजना के तहत दिया जाएगा, जिस से रसायन मुक्त खेती कर भारत को पुनः हम सोने की चिड़िया बना सके । ऐसे में गौवंश को बचेंगे ही गाँव के किसान घर की महिला के साथ साथ सेवा बस्तियों की महिलाओं को स्वरोजगार के साथ जोड़ कर स्वावलम्बी बनाया जाएगा । एकल अभियान का यह गौ ग्राम योजना महिला शशक्तिकरम का एक सराहनीय पहल है । एकल गौ ग्राम योजना झारखंड प्रांत के प्रांतीय अध्यक्ष श्री महेंद्र कुमार अग्रवाला के पूरे धाँगी गाँव को आशीष वचन व शुभकामनाएँ दिए और भविष्य में धाँगी गाँव के प्रतिभा को देश के कोणे कोणे तक पहुँचाने कि लिये जो भी संभव होगा वो करेंगे ऐसा आश्वासन दिए । आज एकल गौ ग्राम योजना के सेंटर उद्घाटन में एकल अभियान के अभिभावक माननीय श्यामजी गुप्त, एकल श्रीहरि गौ ग्राम योजना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री केदार नाथ मित्तल , एकल गौ ग्राम योजना झारखंड प्रांत के प्रांतीय अध्यक्ष श्री महेंद्र कुमार अग्रवाला, सरपंच श्री धांजय मिरधा एवं श्री मंतोस रवानी, एकल फ्यूचर धनबाद की टोली एवं धाँगी गाँव की महिलाएं उपस्थित रहे ।
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