औरंगाबाद – औरंगाबाद में बिज्ञान पर आस्था पड़ा भारी

आज हम बात कर रहे है औरंगाबाद जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर कुटुम्बा प्रखंड में इस्थित महुआधाम की जहाँ आज भी अंधविश्वास हावी है। आपको बता दु की महुआधाम में माता अष्टभुजी की प्रतिमा स्थापित है तकरीबन आज के 50 वर्ष पूर्व ग्रामीणों के द्वारा एक भव्य मंदिर का भी निर्माण कराया गया था आज लोगो का मानना है कि यहाँ आने से लाइलाज बीमारी तथा प्रेत बाधा से छुटकारा मिल जाती है इसकी पड़ताल को लेकर जब एक मीडिया …का टीम वहाँ पहुँचा और वहाँ की सारि गति विधि को बारीकी से अपने कैमरे में कैद किया, और वहाँ उपस्थित लोगों से इस बिंदु पर जब बात चित किया तो बहुत बड़ी खुलासा निकल कर सामने आया जो आपको चौका कर रख देगा पड़ताल के दौरान वहां अंधविश्वास हेवी दिखा लोगो ने बताया कि इस स्थान पर आने से बड़े से बड़े बीमारी ठीक होजाता है उन्हों ने यह भी बताया की जिस वयक्ति पर निगेटिभ एनर्जी( प्रेत आत्मा )का प्रभाव रहता है उस व्यक्ति को जब माता रानी के प्रांगण में लाया जाता है तो उसके शरीर मे कुछ अजब सी हरकते होने लगती है और वह गिरने पटकने तथा झूमने लगता है और वह तबतक इसी तरह का हरकत करते रहता है जबतक उसके शरीर से प्रेत आत्मा का प्रभाव समाप्त नही होजाता है . लोगो ने यह भी बताया कि यहाँ साल के दोनों नवरात्र में चाहे वह शरद नवरात्रा हो या बसन्त नवरात्रा इस समय माता रानी का विशेष दरवार लगता है उस समय लाखो की संख्या में श्रद्धालु की जमावड़ा भी लगती है और इस विशेष दरवार में माता रानी के द्वारा प्रेतों को सजा भी दी जाती है, माता रानी की सजा देने का भी अजीब तरीका है आपको बता दु की माता रानी के मंदिर के पास एक मिट्टी का कुण्ड बना हुआ है जिसमें नाली की पानी आकर जमा होता है उसे नरक कुण्ड के नाम से जाना जाता है , लोगो का मानना है जिस व्यक्ति के ऊपर प्रेत आत्मा का प्रभाव रहता है उसे माता राणी के द्वारा सजा सुनाई जाती है ,जिससे व्यक्ति स्वतः वह नरक कुण्ड में जा कर गिर जाता है और तबतक वह नरक कुंड में तड़पते रहता है जब तक उस व्यक्ति के ऊपर से प्रेत आत्मा का प्रभाव समाप्त नही हो जाये, प्रेत आत्मा का प्रभाव समाप्त होते ही वह व्यक्ति स्वम वहाँ से निकल कर बाहर चला जाता है ऐसा लोगो का मानना है। जब टीम के द्वारा वहाँ की व्यवस्ता पर बात किया गया तो लोगो ने बताया कि आज तक यहाँ पर जिला प्रसासन के द्वार किसी भी तरह का कोई व्यवस्था नही किया जाता है जबकि यहाँ लाखो की संख्या में श्रद्धालु आते है लेकिन श्रद्धालुयों को रुकने का यहाँ कोई भी व्यवस्था नही है, ग्रामीणों के द्वारा नहर के चाट में सैकड़ो झोपड़ी नुमा विश्राम गृह बनाया गया है जिसमे श्रद्धालु सरण लेते है रात गुजारने पर विवश रहते है। अगर स्वस्थ विभाग की बात की जाये तो वहाँ मेडिकल टीम की कोई भी व्यवस्था नही है, और नही सवक्षता मिशन को ध्यान में रखते हुए कोई सामूहिक शौचालय का भी व्यस्था किया गया है जिसके कारण वहाँ गंदगी की अम्बर देखने को मिलता है , अगर सुरक्षा व्यवस्था की बात किया जाये तो सुरक्षा के नाम पर एक चौकीदार की वह पर डियूटी नही लगाई जाती है जिसके कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालु काफी भयभीत रहते है

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *