औरंगाबाद में आज जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिंहा ने कहा हैं कि बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने राज्य में देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान चलाया था। केंद्र सरकार भी उन्ही के पदचिंहों पर चलते हुए भ्रष्टाचार के मामलें में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है। श्री सिंहा ने शनिवार को यहां राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा कि बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंहा की धरती पर श्री बाबू की प्रतिमा का अनावरण करना, उनके लिए सौभाग्य की बात है। कहा कि श्री बाबू के जमाने में योजना आयोग के दृष्टिकोण में बिहार देश के टॉप-5 राज्यों में रहता था। अब किन्ही कारणों से बिहार इस मामले में पिछड़ गया है, जो विचारणीय विषय है। उन्होने कहा कि यदि श्री बाबू 10 साल और मुख्यमंत्री रह गए होते तो बिहार भी आज विकास के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र के समकक्ष खड़ा होता। कहा कि श्री बाबू के समय बिहार में सुशासन और गुड गर्वनेंस बेहतर स्थिति में था। इस कारण श्री बाबू सुशासन और गुड गर्वनेंस की प्रतिमूर्ति माने जाते थे। उन्होने राजनीति में गंगोत्री बहाई थी, जिसमें भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नही था। भ्रष्टाचार के वें कितने बड़े विरोधी थे, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि श्री बाबू ने ही अपने समय में राज्य में देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान शुरू किया था। इसी तरह के अभियान के तर्ज पर केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी हैं। कहा कि श्री बाबू विद्रोही क्रांतिकारी थे। वें आधुनिक बिहार के निर्माता थे। वें हमेशा समसामयिक रहे। उनका सुशासन आज भी समसामयिक है और सुशासन के लिए उन्हे सदैव याद किया जाता रहेगा। गुटबंदी के बावजूद उनके लिए राष्ट्र निर्माण प्रथम था। वें यह मानते थे कि जन आकांक्षाओं की पूर्ति नौकरशाही के सहयोग के बिना संभव नही है। इसे उन्होने अपने कार्यकाल में साबित कर दिखाया भी था। उन्होने कार्यक्रम में अपने भाषण के पूर्व एलजेपीआर सुप्रीमो चिराग पासवान द्वारा कही गई बातों की ओर ईशारा करते हुए कहा कि जब फैसला लेने की बारी आए तो चिराग की बातों को जरूर याद करिएगा। उनके पूर्व एलजेपीआर सुप्रीमो चिराग पासवान ने कहा कि जब कश्मीर जल रहा था, तब नरेंद्र मोदी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर से 370 और 35 ए को हटाने का काम किया। उस वक्त कश्मीर के जलने की आशंका जताई जा रही थी, जिसे राज्यपाल के रूप में मनोज सिंहा ने निर्मल साबित किया। कश्मीर को पुनः खुबसूरत परिस्थितियों में लाया। कहा कि श्री बाबू ने विपरीत परिस्थिति में भी बिहार को आगे बढ़ाने का काम किया लेकिन आज बिहार की स्थिति बद से बदतर हो गई है। आज बिहारी हर जगह और हर क्षेत्र में आगे है लेकिन बिहार पीछे है। नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि बिहार हर मापदंड पर निचले पायदान पर है। श्री बाबू ने तो ऐसे बिहार की परिकल्पना नही की थी। इसके लिए दोषी यहां की सरकार है। अनंत संभावनाओं वाले बिहार का बुरा हाल है। यहां बदलाव की जरूरत है और बदलाव से ही बिहार फिर आगे बढ़ेगा।
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