जामुड़िया – ईसीएल के शिवडांगा ओसीपी माइंस में कोयला चुनने के दौरान पत्थर के टुकड़े के नीचे दबनें से..

जामुड़िया – ईसीएल के शिवडांगा ओसीपी माइंस में कोयला चुनने के दौरान पत्थर के टुकड़े के नीचे दबनें से..

ईसीएल के कुनुस्तोड़िया क्षेत्र अंतर्गत नारायणकुड़ी ओपेन माइंस में कोयला चोरी के दौरान हुई मौत के घटना बाद भी अधिकारियों की आंख नहीं खुली। इस भयानक घटना के बाद भी अधिकारियों ने चोरी को रोकने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया, जिसकी वजह से मंगलवार को जामुड़िया थाना अंतर्गत ईसीएल के सातग्राम श्रीपुर एरिया क्षेत्र के शिवडांगा ओसीपी माइंस में कोयला चुनने के दौरान ओसीपी माइंस में चल रहे वाहन से पत्थर गिरने से कुचलकर एक किशोर की जान चली गई। मृत का पहचान संदीप टुडू (12) के रूप में हुई है। वह सातवीं कक्षा का छात्र था। इस घटना की सूचना पाकर घटनास्थल पर भाजपा नेता अग्निमित्रा पाल और जीतेंद्र तिवारी पंहुचे। वही खबर पाकर आसनसोल नगर निगम के एमएमआईसी सुब्रत अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। घटना को लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया है। आपको बता दे कि बीते 11 अक्टूबर को रानीगंज के नारायनकुड़ी ओपन पिट खदान में चाल में दबने से 3 लोगों की मौत हो गई। हालांकि बीजेपी नेता अग्निमित्रा पाल ने सात लोगों की मौत का दावा किया है। वह घाव अभी भरा भी नहीं की शिवडांगा ओपन पिट खदान में हुए हादसे में एक नाबालिग की मौत हो गई। लेकिन इस बार कोयला चुनने के दौरान पत्थर के बड़े टुकड़े के नीचे दबकर उसकी मौत हो गई। घटना को लेकर शिवडांगा ओसीपी में काफी उत्तेजना फैल गयी। सूत्रों के अनुसार आज सुबह शिवडांगा ओपन पिट खदान के डंपिंग स्थल पर कोयला इकट्ठा करने के दौरान एक बड़ी चट्टान के नीचे एक नाबालिग दब गया। मौके पर श्रीपुर फाड़ी पुलिस और सीआईएसईएफ जवानों ने पहुंच कर नाबालिग को पत्थर के नीचे से निकाला और आसनसोल जिला अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं घटना की सूचना पाकर आसनसोल के पूर्व मेयर एवं भाजपा नेता जीतेन्द्र तिवारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार इलाके के गरीब परिवारों के बच्चों से कम पैसे में कोयला चुनने का काम करा रहा है। दुर्घटना होने पर कहा जाता है कि वह कोयला चोरी करने आया था। ऐसा चलने नहीं दिया जाएगा। अगर इस लड़के को मुआवजा नहीं दिया गया तो यहां उत्खनन बंद कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस दर्दनाक मौत को किसी भी तरह से दबाया नहीं जा सकता। इसके लिए ईसीएल जिम्मेदार है। वहीं स्थानीय लोगों ने इस घटना में सीआईएसएफ और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ होने के बावजूद नाबालिग ओपन पिट खदान के डंपिंग ग्राउंड में कैसे चला गया? पुलिस और ईसीएल सुरक्षा गार्ड क्या कर रहे थे? शिवडांगा ओपन पिट खदान में हुई इस घटना को लेकर काफी उत्तेजना फैल गयी। वहीं दूसरी ओर तृणमूल नेता सुब्रत अधिकारी ने कहा कि कोयले से करोड़ों रुपये कमाने के बाद भी ईसीएल सुरक्षा नहीं दे पा रही है। सीआईएसएफ की मौजूदगी के बावजूद नाबालिग वहां कैसे पहुंचा, इसकी जांच होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की। वही इस बारे में आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल ने कहा कि आज महज 12 साल का एक बच्चा सुदीप जिसे स्कूल में होना चाहिए था वह कोयला चुनने के लिए शिवडांगा ओसीपी में गया था। जहां पर पत्थर से कुचल कर उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि उसके परिवार में किसी के पास रोजगार नहीं है। इसलिए 2 जून रोटी के लिए सुदीप को ही यह खतरनाक काम करना पड़ता था। जिसका भुगतान आज उसने अपनी जिंदगी देकर किया। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसका जवाब देना होगा। क्योंकि उनके शासनकाल में पश्चिम बंगाल में किसी के पास रोजगार नहीं है। इस वजह से छोटे-छोटे बच्चों को भी रोजगार के लिए इतने खतरनाक काम करने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि ईसीएल भी इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। वह एक राष्ट्रीय संस्थान है। उसके सीआईएसफ तथा अपने निजी सुरक्षा कर्मी है। उनके रहते हुए भी सुदीप जैसे छोटे-छोटे बच्चे या अन्य लोग कैसे खदान के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। इसका जवाब भी ईसीएल को देना होगा। उन्होंने कहा कि वह किसी को भी नहीं छोड़ेगी और जिस तरह से नारायण कुड़ी में मुआवजे की बात सामने आए थे, यहां भी उसके परिवार को मुआवजा देना होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि सुदीप के परिवार को अगर मुआवजा मिल भी जाता है तो भी वह सुदीप की मां की गोद में सुजीत को लौटा तो नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इन सब घटनाओं के लिए जवाब देना होगा।

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