लखीसराय जिले के धरना स्थल पर राष्ट्रीय लोक जनता दल बिहार के लोगों ने जिला अध्यक्ष विनोद कुमार कुशवाहा की अध्यक्षता में धरना दिया। इन लोगों ने सामाजिक आर्थिक सर्वे के पहले चरण के जारी जातिगत आंकड़ों में कई तरह की विसंगतियां पाई है।इन लोगों ने कहा कि जानकारियां मिल रही की हजारों लाखों परिवार ऐसे हैं जिनके यहां कोई भी व्यक्ति सर्वे करने गया ही नहीं था। ऐसे में इस बात की बड़ी आशंका है कि या तो उनका विवरण सर्वे में आया ही नहीं या पड़ोस से आधी अधूरी जानकारी लेकर सर्वे में डाल दी गई है। मौजूदा सरकार ने सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए कई जातियों के आंकड़ों को काम करके दिखाने का काम किया है। दर्जन भर से ज्यादा जातियों को कमतर दिखाया गया है, जबकि जमीनी हालात इससे बेहद अलग है, ऐसे में जो जातियां पहले से ही कमजोर हैं उनको आगे की नीतियों में कई तरह का नुकसान उठाना पड़ेगा। इन विसंगतियों को ठीक किए बगैर भविष्य में अपनाई जाने वाली किसी भी नीति में संपूर्णनता का अभाव रहेगा। यही नहीं अब तो यह भी सामने आ रहा है की जाति आधारित गणना की रिपोर्ट में बहेलिया जाति, चंद्रवंशी (कहार कमकर) जाति और माली (मालाकार) जातियों की जो संख्या बताई गई है वह एथनोग्राफी अध्ययन से कम है। इन तीनों जातियां का एथनोग्राफी अध्ययन भी सामान्य प्रशासन की ओर से करवाया गया है। एथनोग्राफी रिपोर्ट ए एन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान पटना द्वारा किया गया है। एथनोग्राफी रिपोर्ट के अनुसार बहेलिया जाति की संख्या 67535 है जबकि जाति गणना में इसकी संख्या 8026 बताई गई है। इसी तरह से कहार की संख्या एथनोग्राफी रिपोर्ट में 3032000 बताई गई है जबकि जाति गणना में इसकी संख्या सिर्फ 21 लाख 55644 बताई गई है। वहीं माली की संख्या एथनोग्राफी रिपोर्ट में 13 लाख 15465 बताई गई है, जबकि जाति गणना में इनकी संख्या सिर्फ 349285 ही बताई गई है। लगभग कमजोर जातियों में इस तरह की भी संगतिया है। ऐसे में जनजाति वर्गों को यह लगता है कि उनकी संख्या को जानबूझकर कम दिखाया गया है या जिनकी गणना छूट गई है उनके भीतर हमेशा ही असंतोष का भाव बना रहेगा। ऐसे में महामहिम से आग्रह होगा कि वह इसमें हस्तक्षेप करें और संपूर्ण आंकड़ों को जारी करने से पहले पंचायत स्तर पर आंकड़ों को दोबारा जांच जाए और जो परिवार इससे वंचित रह गए उनके विवरण को भी सामाजिक आर्थिक सर्वे का हिस्सा बनाया जाए। एक बात और सामाजिक आर्थिक सर्वे को जारी करने से पहले और कोर्ट में दिए हालतनामा के अनुसार किसी भी व्यक्ति के लिए जानकारी को पब्लिक नहीं किया जाना है, लेकिन यह भी जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री उपेंद्र कुशवाहा जी की जानकारी को लीक किया है वो आपराधिक घटना है। जबकि हमारे नेता कई बार कह चुके हैं कि उनसे किसी ने भी कोई सर्वे नहीं किया गया है। जाहिर है जडीयू की तरफ से फर्जी आंकड़ा जारी किया गया साथ में यह भी महत्वपूर्ण है कि सर्वे में जुटाई गई जानकारी की गोपनीयता संदिग्ध है इन सभी पहलुओं पर महामहिम से संज्ञान लेने का आग्रह है। इस धरना कार्यक्रम में विनोद कुशवाहा, रामेश्वर महतो (प्रदेश महासचिव) सूरज मौर्य, अजय कुमार पटेल, चंदन कुशवाहा,जूली कुशवाहा, राजेंद्र महतो, रुधिर कुशवाहा, संतोष कुशवाहा, जादू कुमार, पवन कुशवाहा, वचन देव महतो, सुभाष कुमार, श्याम सुंदर कुशवाहा, राजू महतो, फिरो महतो, प्रमोद महतो,उदय कुशवाहा, जितेंद्र कुशवाहा, यदुनंदन महतो, रोहित कुशवाहा गोविंद महतो आदि शामिल थे।
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