औरंगाबाद में नदी में बनी चचरी का पुल बह जाने से दर्जनों गाँव के बच्चे का पढ़ाई हुई बाधित, मामला है देव प्रखंड के हसौली पंचायत के कुंडा गांव का है , जो आपको चौकाने पर मजबूर कर देगा । जहां एक तरफ आज पूरा देश आजादी के 75 वे वर्षगाठ पर अमृत महोत्सव मना रहा है वही कुंडा गांव के यह चचरी का बना पूल बिहार सरकार की विकास के दावे को पूरी तरह से पोल खोल कर रख दिया है। आपको बता दु की जिले के देव प्रखंड स्थित कुंडा गांव के समीप अदरी नदी पर बनी चचरी का पुलिया लगातार हो रही बारिश और नदी के तेज बहाव से बह गई। जिससे लाल बिगहा, हरिहर बिगहा, मिशिर बिगहा तथा महावीर बिगहा और अन्य कई गांव के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गए है। अब बच्चे विद्यालय तब तक नहीं पहुंचेंगे जब तक नदी का पानी कम नहीं होगा। गौरतलब है कि इस चचरी पुलिया से जान जोखिम में डालकर सैकड़ो बच्चे कुंडा गांव स्थित विद्यालय में पढ़ने जाते थे परंतु नदी में पानी के तेज बहाव से बनी यह चचरी पुलिया भी बह गई ।अब बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो गई है और तब तक पढ़ाई बाधित रहे गई जब तक जलस्तर कम नही हो जाती ,हालांकि यह चचरी का पुल भी सरकार के द्वारा नहीं बनवाया गया था। वहाँ के आस पास के ग्रामीणों ने खुद पहल कर आने जाने के लिए बनाया था जिससे दर्जनों गाँव के लोग आते जाते थे वह भी भीष्म बारिश होने के कारण नदी की तेज धार में बह गया आज दर्जनों गाँव का अपने गाँव मे ही दुबके रहने पर मजबूर है ग्रामीणों ने जिला प्रसासन तथा बिहार सरकार से तत्काल बैकल्पिक ब्यवस्था करने का मांग किया है जिससे बच्चे आसानी से पढ़ने बिद्यालय जा सके
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