गौरतलब है कि जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था। जातीय जनगणना पर सांसद ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार को जमकर कोषा है। यहां तक कि उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार तितीर लड़ाने का काम करते है। उन्होंने जातीय जनगणना को फर्जी बताया है , और सवाल उठाते हुए जनगणना को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि हम सांसद हैं तो मेरे घर जनगणना के लिए कर्मचारी आए थे। यह दिखाने और यह कहने के लिए की हम उनकी शिकायत ना करें। मगर आप गांव में जाकर पूछेंगे तो 90% से भी ज्यादा गांव में जनगणना नहीं हुई है और ना ही कोई कर्मचारी गया है। सरकार ने अपने मुताबिक अपने हिसाब से अपनी इच्छा अनुसार आंकड़े बना लिए हैं और उसको जारी किया है उन्होंने कहा कि किसी भी जाति का कोई व्यक्ति अगर अरबपति है या ख़रबपति है और किसी जाति का कोई व्यक्ति अगर बहुत गरीब है तो जाति के आधार पर उसे व्यक्ति को अगर कोई सुविधा नहीं मिले और जाति के आधार पर अरबपति और खरबपति व्यक्ति को उन सारी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले यह कहां तक उचित है। यह सरकार समाज को जाति के आधार पर बांटने का काम कर रही है मैं कड़े शब्दों में इसकी निंदा करता हूं और इसका विरोध करता हूं समाज को कमजोर करने के लिए जाति में भी उन्होंने लड़ाई है जाति में भी उपजाति बनाकर उनकी संख्या कम और ज्यादा दिखाकर इन्होंने तीतर लड़ाने का काम किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गांव हो या शहर कही भी सरकार का कोई कर्मी गणना करने नही गया।यह जनगणना सरकार अपने मुताबिक और अपनी इच्छा के अनुसार कराई है।सांसद ने कहा कि जातीय जनगणना की असली हकीकत क्या है आप डोर टू डोर जाइयेगा तभी पता चलेगा। यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस गणना को सही मानते है तो तत्काल उन दोनो को अपने अपने पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए और किसी अति पिछड़े को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए क्यो की बिहार में सबसे ज्यादा संख्या अति पिछड़ा का ही इस जनगणना में दिखाया गया है। बाइट:- सुशील कुमार सिंह सांसद औरंगाबाद क्योंकि जनगणना के बाद यही मांग भी है कि जिसकी जितनी भागेदारी उतनी उसकी हिस्सेदारी।लेकिन दोनो नेताओं में नैतिकता का अभाव है। नीतीश कुमार की पराकाष्ठा है कि वे कुर्सी से चिपक गए हैं।सांसद ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर राजद एवं जदयू के कई नेताओं ने भी इस जनगणना पर सवाल खड़ा किया है।अगर सही था तो विरोध क्यों।उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ दो ही जातियां हैं।एक अमीर और एक गरीब,सरकार को इस पर काम करना चाहिए और उसी हिसाब से उन्हे सरकारी लाभ भी मिलना चाहिए।
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