बाढ़ का पानी मंगलवार को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय एवं पीएचसी भगवानपुर में घुस गया। अचानक बाढ़ का पानी स्कूल में घुस जाने से छात्राओं में अफरा तफरी मच गई। वही सीएचसी में भर्ती एवं पूर्व से इलाजरत मरीजों की चिंता बढ़ने लगी थी। जैसे ही इस बात की जानकारी जिलाधिकारी सावन कुमार एवं एसपी ललित मोहन शर्मा को मिली कि बगैर देरी किए हुए भगवानपुर पीएसी व कस्तूरबा विद्यालय जा पहुंचे और जिलाधिकारी एवं एसपी अपनी मौजूदगी में खुद वहां के स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ रेस्क्यू टीम बनाकर अपने भी मदद को हाथ बढ़ाएं और सभी छात्राओं एवं मरीजो को वहां से सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद छात्रों को भगवानपुर कन्या मध्य विद्यालय में वार्डन कल्पना कुमारी के देखरेख में कुछ देर के लिए व्यवस्थित किया गया है। और वहां से जिस बच्चियों के पेरेंट्स आकर वहां पर उपस्थित पदाधिकारी से मिलकर घर ले जाने की इच्छा जताए तो वही कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद करीब-करीब 64 बच्चिया अपने पेरेंट्स के साथ घर चली गई। बता दें कि देखते ही देखते बाढ़ का पानी स्कूल परिसर मे लगभग चार से पांच फुट पानी जमा हो गया। इससे वार्डन व शिक्षिकाओं के साथ-साथ बच्चिया चिंतित हो उठी। बाढ़ के पानी से घीरी वार्डन कल्पना कुमारी, शिक्षिका प्रीति कुमारी,प्रिया कुमारी व अकाउंटेंट को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया। सोमवार की रात व मंगलवार की भोर में हुई बारिश से सूअर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया। यही नहीं नहर का पानी भी नदी के पानी से ओवरफ्लो कर स्कूल व आसपास के क्षेत्र में फैल गया। हालांकि इस बात की जैसे ही जानकारी कैमूर जिलाधिकारी सावन कुमार व एसपी ललित मोहन शर्मा को मिली की तुरंत बाद विद्यालय पहुंच कर खुद रेस्क्यू ऑपरेशन में लग गए जिससे डीएम व एसपी के कपड़े भी भीग गए और सभी छात्राओं को बाहर निकाल कर सकुशल कन्या मध्य विद्यालय में लाकर शिफ्ट कराये। फिलहाल छात्राओं को खाने-पीने के लिए भी व्यवस्था कन्या मध्य विद्यालय मे ही की गई है। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्राओं का समान, बेड तथा सरकारी दस्तावेजों को कस्तूरबा विद्यालय के ऊपरी तल्ला पर पहुंचाया दिया गया है। जिलाधिकारी एवं एसपी के नेतृत्व में बनाई गई रेस्क्यू टीम व स्थानीय पुलिस प्रशासन के द्वारा आवासीय विद्यालय की छात्रों को वहां से बालिका मिडिल स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया। स्थानीय भगवानपुर थाना अध्यक्ष अनिल कुमार, सीओ विनोद कुमार सिंह तथा वीडीयो अंकिता कुमारी भी साथ में मौजूद रही। भगवानपुर मुखिया सह मुखिया संघ प्रखंड अध्यक्ष उपेंद्र पांडे ने अपने साथ 10 की संख्या में मदद को लेकर बाढ़ के पानी में फंसे मरीजो व छात्राओं को जिलाधिकारी व एसपी के साथ रेस्क्यू टीम में सम्मिलित होकर सहायता किया मुखिया उपेंद्र पांडे ने बताया कि यदि दिन में छात्राओं को नहीं निकाला गया होता तो रात में दिक्कत हो सकती थी बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है इससे पानी का दबाव बढ़ाते जा रहा है। बाढ़ के पानी के साथ-साथ विषैले जंतुओं सांप, बिच्छू आने की आशंका बनी हुई है। उन्होंने बताया कि 6 साल पहले भी पानी आया था। तब स्कूल सहित आसपास के मकान में कई विषैला जंतु आ गए थे और इसी तरह बचाव कार्य कर बच्चियों के साथ-साथ शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को बाहर निकाला गया था उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना कोई पहली बार नहीं है इससे पहले भी दो बार आ चुके हैं अगर प्रशासन ध्यान नहीं देती है तो आने वाले समय में अगर यही हाल रहा तो बच्चियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है इसलिए प्रशासन से अनुरोध करते हुए कहा कि समय रहते हुए इसका समुचित उपाय किया जाए। डीएम ने कहा जो भी रेस्क्यू में सहयोग किए हैं उनको किया जाएगा सम्मानित। बता दें कि देखते ही देखते बाढ़ का पानी स्कूल परिसर मे लगभग चार से पांच फुट पानी उपर जमा हो गया। इससे वार्डन व शिक्षा का चिंतित हो उठी। बाढ़ के पानी से घीरी वार्डन कल्पना कुमारी, शिक्षिका प्रीति कुमारी,प्रिया कुमारी व अकाउंटेंट को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया।सोमवार की रात व मंगलवार की भर में हुई बारिश से सूअर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया। यही नहीं नहर का पानी भी नदी के पानी से ओवरफ्लो कर जहां-तहां बाढ़ का पानी फैल गया है। स्कूल के छात्राओं को बाहर निकाल कर सकुशल कन्या मध्य विद्यालय में लाकर शिफ्ट कराये। फिलहाल छात्राओं को खाने-पीने के लिए की भी व्यवस्था कन्या मध्य विद्यालय मे ही की गई है। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं का समान, बेड तथा सरकारी दस्तावेजों को कस्तूरबा विद्यालय के ऊपरी तल्ला पर पहुंचाया गया।
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