धनबाद – स्वीकृत परियोजनाओं के क्रियान्वन विभागों के नोडल अधिकारियों के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला..

दिनांक 21 सितंबर 2023 को नाबार्ड द्वारा ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आर.आई.डी.एफ.) के तहत धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा तथा रामगढ जिलों मे स्वीकृत परियोजनाओं के क्रियान्वन विभागों के नोडल अधिकारियों के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला का धनबाद मे किया गया आयोजन ———————————————————————————————- नाबार्ड द्वारा ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि (आर.आई.डी.एफ.) तहत धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा तथा रामगढ.जिले में स्वीकृत परियोजनाओं के कार्यान्वन विभागों के नोडल अधिकारियों के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला का धनबाद मे नाबार्ड के उप महाप्रबंधक श्री एस. सी. गर्ग की अध्यक्षता में दिनांक 21 सितंबर 2023 को किया गया। उप महाप्रबंधक, नाबार्ड श्री एस. सी. गर्ग ने बैठक की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह बैठक किया जाना अपेक्षित था ताकि परियोजनाओं के कार्यान्वन को गति प्रदान की जा सके तथा परियोजना के ससमय क्रियान्वन में अगर कोई बाधा हो तो उसे दूर किया जा सके। कार्यान्वन कर रहे विभागों से यह अपेक्षित है कि वो परियोजना मे हुए खर्चे का मासिक ब्योरा नाबार्ड को उपलब्ध करवाएँ ताकि नाबार्ड ससमय राशि निर्गत कर सके और राज्य सरकार नाबार्ड के इस किफ़ायती वित्तीय सहयोग का समुचित लाभ ले सके। उन्होने यह भी बताया की नाबार्ड द्वारा निर्धारित प्रारूप मे परियोजना से संबन्धित “Display Board” हरेक परियोजना मे लगाना आवश्यक है क्योकि यह Social Monitoring का एक अंग है। श्री रवि कुमार लोहानी, जिला विकास प्रबन्धक(डी.डी.एम.), नाबार्ड, धनबाद ने बताया कि नाबार्ड द्वारा झारखंड राज्य में आर.आई.डी.एफ. के तहत राज्य सरकार को कुल 4639 परियोजनाओं के लिए 21578.96 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं जिसमें 15765.62 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। उन्होने योजना पूर्ण होने के पश्चात तुरंत Project Completion Certificate (PCC) तथा उसके 6 महीनो के अंदर Project Completion Report नाबार्ड को समर्पित करने का आग्रह किया । इस बैठक मे समी सात जिलें धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा तथा रामगढ. में पदास्थापित नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक (DDMs) तथा इन सात जिलो के आर.आई.डी.एफ. परियोजनाओं के कार्यान्वयन विभाग के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता तथा अन्य पदाघिकारीयों ने हिस्सा लिया। इन जिलो के सभी सक्रिय परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा संबंधित डी.डी.एम के द्वारा की गई।

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