धनबाद – नई दिल्ली के महाराष्ट्र सदन मे इण्डियन लॉयर्स एंड ह्युमन राईट एक्टिविस्ट एशोसियेशन …

जिसमे भारत के तीन गम्भीर मुद्दे जिसमे कानुन के रक्षक के द्वारा प्रभावशाली लोगों को कैसे कानुन की धज्जियां उड़ाते और न्यायधीश के पद का दुरुपयोग करते हुए गलत फैसला दिया गया उनके जनता की महा अदालत क्या करेगी,इस विषय पर जनता की महा अदालत मे चर्चा की गई। 1.अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत, दिशा साल्यान सहित छोटे बच्चों की हत्या,सामुहिक अत्याचार, मानव तस्करी आदि अपराधों पर आरोपियों के उपर कानुनी कार्रवाई मे देरी। 2.अरुणाचल प्रदेश के पुर्व दिवंगत मुख्यमंत्री कालिखो पुल के सुसाइड नोट मे भ्रष्टाचार के सबुतों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जे एस खेहर और वकील कपिल सिब्बल तथा अन्य आरोपियों के खिलाफ कानुनी कार्रवाई मे देरी। 3.सहारा के तेरह करोड़ निवेशक और बारह लाख कर्मचारियों को न्याय मिलने मे देरी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई। ईस कार्यक्रम मे जज के रुप मे वरिष्ठ अधिवक्ता नीलेश सी ओझा ने कानून के हरेक पहलु पर प्रकाश डाला और आम जनता की ताकत को बताया ,भारत की संविधान मे सभी के लिए बराबर अधिकार दिए हैं कानून मे देरी के लिए कौन जिम्मेदार है कैसे उस पर कार्रवाई हो ।उन्होने भारतीय जनता की महा अदालत की उपयोगिता के बारे मे बताया और देश के प्रत्येक नागरिक को न्याय दिलाने के लिए तटस्थ रहने को कहा ।पीड़ित जनता की ओर से अधिवक्ता तनवीर निजाम,अंबर कोईरी, मदन दुबे,अधिवक्ता विजय कुर्ले, अधिवक्ता आनंद जोधले, रशीद खान पठान, अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय, अधिवक्ता दीपाली ओझा ,मुर्सलीन शेख ,qvive न्युज चैनल के संपादक आशुतोष पाठक, प्रकाश पोहरे ,प्रधान संपादक दैनिक देशोन्नति ने अपना पक्ष रखा। जनता की महा अदालत के दुसरे दिन सहारा निवेशकों का पक्ष रखते हुए विश्व भारती जन सेवा संस्थान के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने बताया कि सुब्रत राय जैसे अपराधी पर देश मे हजारों मुकदमा दर्ज हुए हैं उसको पुलिस ढ़ुढ़ं नही पाती है सुब्रत राय सहारा के द्वारा तेरह करोड़ लोग प्रभावित हैं और भुगतान की आस मे कितनों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली,कितने लोग दर दर की ठोकर खा रहे हैं कब मिलेगा न्याय ।अखिल भारतीय ज़नकल्याण मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीत मोदी ने पीड़ितों का पक्ष रखते हुए जनता की महा अदालत मे बताया कि सहारा को सरकार के द्वारा बनाए गए गाइडलाइंस और पंजीकरण कर लाइसेंस दिए ,हमने टैक्स दिया ,सरकार ने प्रतिवर्ष आडिट किया तो फिर सरकार आज सिर्फ मुलधन देकर पिंड क्यों छुड़ाना चाहती है हमे सम्पूर्ण भुगतान चाहिए। सहारा के तेरह करोड़ निवेशकों का फैसला दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम मे जनता की महा अदालत मे किया जाएगा और निवेशकों को न्याय दिया जाएगा ।ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे और संविधान के उपर लोगों का विश्वास बना रहे ।कार्यक्रम मे बतौर अतिथि सुदर्शन न्युज के मालिक सुरेश चह्वाणके, जहानाबाद के पुर्व सासंद अमर कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित हुए सहारा के विरुद्ध अखिल भारतीय ज़नकल्याण मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीत मोदी,विश्व भारती जनसेवा संस्थान के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नौशाद अली ने अपना पक्ष रखा

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *