जमुई – आंध्र प्रदेश में अमझरी सोनो के एक मजदूर की फिर हुई मौत,/ एकलोता कमाने वाला घर में कोहराम

जमुई – आंध्र प्रदेश में अमझरी सोनो के एक मजदूर की फिर हुई मौत,/ एकलोता कमाने वाला घर में कोहराम

अमझरी पो० छपरडीह थाना सोनों जिला जमुई बिहार निवासी मोहम्मद सगीर अंसारी आंध्र प्रदेश , जिला विशाखापतनम्, आन्द पुरम् में फुटपाथ पर साईकिल पंचर बनाने का काम करता था, भारी पेड़ उसके ऊपर गिर जाने के कारण उसकी मौत हो गई, पोस्ट माडम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण सही पता चल पाएगा, लाश को आन्ध्र प्रदेश से शगीर के पेतृक आवास अमझरी लाया गया, मृतक सगीर को देखने हजारों के तादात में लोग इकठ्ठा हो गये, पूरे गांव में मातम छा गया है, पूरे परिवार में कोहराम मच गया, पत्नी की हालत बिगड़ी हुई है, परिवार के सभी सदस्य सदमें में है, मो० सगीर अंसारी उम्र 28 वर्ष, पत्नी अजमेरी खातुन उम्र 25 वर्ष अब विधवा हो गई है और उस परिवार में कमाने वाला या भरन पोषण करने बाला कोई भी नही है, सगीर के चार छोटे छोटे बच्चे का पिता का साया उठ गया है, दो लड़का सोहेल-5 वर्ष, शदाब-3 वर्ष, दो लड़की एक आसमीन-8 वर्ष, दूसरी रासरीन खातुन-7 वर्ष, समाजिक कार्यकर्ता एवं भारतीय मिडिया फांउडेशन बिहार प्रवक्ता गौरव सिंह राठौर ने परिजन से मिलकर सांत्वना दिया एवं परिवार को उनकी पत्नी को ढांसंस बंधाया, गौरव सिंह राठौर ने वर्तमान भारत सरकार एवं बिहार सरकार पर हमला बोला, सरकार , नेता, सिर्फ इंडिया भारत की बात करते हैं, नाम चेंज करने के फिराक में है, नाम बदलने से भारत का विकास हो जाएगा, सिर्फ हवा में बात करते हैं और बिहार के भोली भाली जनता को ठगने का काम कर रही है, रोजगार की बात नही करती है, नही तो बिहार में कोई फेक्ट्री कल कारखाने नही लगा रही है, भारत सरकार बिहार में रोजगार दे, दो करोड़ फिर बिहार में भाजपा बोली 19 लाख युवाओं को रोजगार देगें सिर्फ वोट लेते हैं हवा हवाई बात करते हैं सिर्फ झुट बोलते हैं और बिहार के युवाओं बरगला रहे हैं मों सगीर अंसारी के पत्नी बच्चे को राहत एवं मुआवजा दिलाने का मांग किया गया, तत्काल राहत राशि शीघ्र दिया जाए, इस परिवार का भरण पोषण का जिम्मेदारी इन स्थानिय जन प्रतिनिधि, विधायक एवं सांसद चिराग पासवान को लेनी चाहिए, विधायक सांसद चिराग पासवान जल्द से जल्द मृतक सगीर के परिवार पत्नी बच्चे से मिले और राहत पहुचाए इन अनाथ हुए बच्चे के बारे में सोचें, अब देखने वाली बात है कि कब तक स्थामिय जनप्रतिनिधि , सांसद पृड़िता से मिलते हैं और क्या कुछ करते हैं

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