धनबाद – शर्म नहीं सम्मान है हिंदी हमारा अभिमान है।

धनबाद – शर्म नहीं सम्मान है हिंदी हमारा अभिमान है।

जी हां इसी नारे को बुलंद करते हुए हिंदी साहित्य विकास परिषद ने आज दिनांक 14 सितंबर दिन गुरुवार को हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर धनबाद के लुबी सरकुर्लर रोड स्थित एक होटल के सभागार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर लोगो को हिंदी साहित्य के प्रति जागरूक करते हुए, सचिव राकेश शर्मा जी ने पत्रकारों को बताया कि अब मात्र पांच दिन ही शेष रह गए हैं वे जल्द से जल्द अपनी सीट बुक करवा ले साथ ही जो भी साहित्य प्रेमी अपनी रचनाओं को लोकार्पण करवाना चाहते हैं वो भी उनसे संपर्क करें क्योंकि कुमार विश्वास और कैलाश खेर जैसे महान साहित्यकार रोज देखने को कम से कम धनबाद में तो नहीं मिलेंगे । ज्ञात हो, की 23 सितंबर को युग कवि कुमार विश्वास और 24 सितंबर को पद्मश्री कैलाश खेर के साथ साथ सैकड़ो कवि एक ही मंच पर,हिंदी साहित्य विकास परिषद के 44वें स्थापना दिवस के अवसर पर , धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में मौजूद हो कर जो धमाल , ऐतिहासिक दृश्य,और साहित्य सुधा का रसपान कराने वाले हैं वो भी मात्र ₹500 और ₹ 1000 के सहयोग राशि में , निश्चय ही अपने भाग्य को कोषेंगे जो इसका आनद लेने से वंचित रहेंगे । प्रस्तुत है सहयोगी मुकेश लाल के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से

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