भारतीय रेल का व्यवसायीकरण , प्रथम श्रेणी वेटिंग रूम से ले कर प्लेटफार्म निकास द्वार तक खुल गई दुकाने , स्टेशन सौंदर्यीकरण के नाम पर विश्व स्तरीय बक्सर स्टेशन बनाने की घोषणाएं हवा हवाई साबित होने लगी ।
बक्सर से बबलु उपाध्याय की रिपोर्ट —
एंकर – भारतीय रेल मंत्रालय द्वारा दानापुर रेल मंडल का सबसे बड़ा राजस्व देने में सुमार बक्सर स्टेशन के सौंदर्यीकरण के नाम की घोषणा हवा हवाई साबित होने लगी । यात्रियों को सुविधाओं के नाम पर पूर्व से बने यात्री प्रतीक्षालय से ले कर निकास द्वार तक के समीप व्यवसायिक दुकाने सजा दी गई । जरा गौर से देखिए बक्सर के सांसद सह केन्द्रीय मंत्री अश्वनी चौबे के शीतल पेयजल स्थल का बोर्ड तो लगा है पर लोगो के शीतल पेयजल की जगह मिठाई की दुकाने सज गई । यात्री प्रतीक्षालय में यात्रियों के ट्रेन की प्रतीक्षा की जगह दुकाने लगा दी गई । स्थानीय रेलवे सूत्रों के मुताबिक स्थानीय स्तर पर रेल प्रशासन की मौन सहमति से रेलवे के निजी ठेकेदारों द्वारा दुकानों के आबंटन के नाम पर आबंटन ले कर इस तरह बिना समुचित आबंटित जगह के यात्रियों के प्रतीक्षालय में ही दुकाने सजा दी गई । स्थानीय स्तर पर ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की माने तो यात्री प्रतीक्षालय में दुकान बनने के बाद परिवार बच्चो के साथ यात्रा के दौरान ट्रेन का इंजतार करना विकट हो गया हैं । दुकानों के आसपास असमाजिक लोगो की नजरें टिकी होती है साथ ही यात्रियों के लिए बने शौचालय में भी ताला लटका रहता हैं । महिला यात्रियों को दुकानदार से चाभी माँग कर इस्तेमाल करना पड़ता हैं ।सूत्रों की माने तो बड़े अधिकारियों का साठगांठ और राजनीतिक संरक्षण में इस तरह का खेल पल बढ़ रहा हैं ।