जनपद पंचायत देवसर के ग्राम पंचायत मजौना में जांच करने गई टीम के समक्ष गांव के दबंगों द्वारा किए गए विवाद का मामला गरमाया हुआ है जांच अधिकारी धर्मेंद्र सरेआम एसडीओ ने अधिकारी जनपद पंचायत देवसर को अधूरी जांच का प्रतिवेदन सौंपकर पूरी स्थिति से अवगत करा दिया है तथा बताया गया है कि गांव के कुछ लोगों द्वारा विवाद किया गया इस वजह से जांच नहीं हो सकी जांच अधिकारी ने पत्र के जरिए मांग की है कि पुलिस बल की मौजूदगी में ही जांच की जा सकती है क्योंकि गांव के भूत पूर्व सरपंच पति एवं उनके लड़के जांच नही होने देना चाहते ,अकारण विवाद करने लगते हैं फिलहाल यह पूरा मामला जिले के सभी जिम्मेदार अधिकारियों की संज्ञान में पहुंच चुका है,माना जा रहा है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो पंचायत में भ्रष्टाचार करने वालों पर निश्चित रूप से बड़ी कार्यवाही हो सकती है मामले पर एक नजर जनपद पंचायत देवसर के ग्राम पंचायत मजौना की पिछले दिनों विभिन्न निर्माण कार्यों में घोटाले का आरोप लगाते हुए उप सरपंच अनुराग द्विवेदी की शिकायत पर सीईओ जिला पंचायत ने जांच टीम गठित किया है,बुधवार को मजौना पंचायत में जांच करने टीम पहुंची थी,जांच शुरू होती इसके पहले ही भ्रष्टाचार करने वाले दबंगों ने जांच प्रभावित करने के उद्देश्य से विवाद की स्थिति निर्मित कर दिया,तथा शिकायत कर्ताओं से अभद्रता करते हुए हाथापाई भी करने लगे,नतीजा यह निकला कि जांच टीम बैरंग वापस लौट आई ग्राम वासियों ने बताया कि जांच करने पहुंची टीम को गांव के कुछ दबंगों ने जांच नहीं करने दिया दरअसल शिकायत कर्ताओं ने बताया कि मजौना पंचायत में आदिवासी सरपंच है, इसी का फायदा उठाते हुए गांव के पूर्व सरपंच पति गोमती प्रसाद पाठक तथा उनके लड़के सुमित पाठक द्वारा पंचायत का पूरा कामकाज किया जा रहा है बताते हैं कि विभिन्न निर्माण कार्यों में जमकर घोटाला किया जाता है ग्राम सभा की बैठक नहीं बुलाई जाती कोई प्रस्ताव सभी पंचों की सहमति से नहीं बनाया जाता चोरी-छिपे प्रस्ताव तैयार किया जाता है तथा अन्य कई निर्माण कार्य तो सिर्फ कागजों पर बनाकर राशि आहरित की गई है इन्हीं सब बिंदुओं की शिकायत मजौना के उपसरपंच अनुराग द्विवेदी सहित अन्य ग्राम वासियों ने स्थानीय प्रशासन से की है शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत ने एक जांच टीम गठित कर बुधवार को जांच शुरू कराई थी लेकिन निर्माण कार्यों में घोटाला करने वाले गांव के दबंगों ने जांच नहीं होने दिया शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि दबंगों ने विवाद की स्थिति निर्मित कर दी शिकायत कर्ताओं के साथ अभद्रता किया गया, यह सब नाटक देखते हुए जांच टीम बैरंग वापस लौट गई विवाद करने वालों पर कार्यवाही की मांग ग्राम वासियों ने कहा कि जिस तरह से गांव के कुछ लोग जांच टीम के समक्ष शिकायत कर्ताओं से अभद्रता एवं हाथापाई किया ऐसे में निश्चित रूप से इन दबंगों और कड़ी कार्यवाही करने की जरूरत है क्योंकि जब पंचायत की जांच हो रही है तो निश्चित रूप से सभी ग्रामवासियों के हित का काम हो रहा है अब भ्रष्टाचार करने वालों को यदि इस जांच से आपत्ति है तो अपने आप यह साबित होता है कि कहीं न कहीं जरूर बड़ा घोटाला हुआ है,हालाकी ग्राम वासियों ने बताया कि पंचायत के ही निवासी जो लोग विवाद कर रहे थे वे पंचायत के कोई प्रतिनिधि नही हैं प्रमुख रूप से गोमती प्रसाद पाठक तथा उनके लड़के सुमित पाठक यही दोनो विवाद कर रहे थे जांच अधिकारी धर्मेंद्र सरेआम ने भी बताया की गांव के एक भूत पूर्व सरपंच पति तथा उनके लड़के विवाद कर रहे थे,ग्रामीणों के अनुसार वर्तमान में ये सिर्फ आम जनता हैं इनके पास कोई पंचायत का पद नही है ऐसी स्थिति जिस तरह से गांव के अन्य लोग शांति से खड़े थे उसी तरह इन्हे भी जांच प्रभावित नही करना चाहिए था लेकिन यही दोनो जांच प्रभावित कर दिए ऐसे में यह भी अपने आप साबित होता है कि निश्चित रूप से ये पिता पुत्र आदिवासी सरपंच के अधिकारों का हनन करते हुए पंचायत का पूरा काम कर रहे हैं और निर्माण कार्यों में जमकर घोटाला कर रहे हैं,शायद इसी वजह से जांच प्रभावित कर रहे हैं इनका कहना है मजौना पंचायत की जांच पूरी नहीं हो सकी क्योंकि वहां भूत पूर्व सरपंच पति तथा उनके लड़के विवाद करने लगे,वरिष्ठ अधिकारी से पुलिस बल की मांग की गई है तथा पुलिस बल की मौजूदगी में ही जांच की जाएगी
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