इस संसार में विषयरूपी विष भरा हुआ है। इससे उबरने के लिए भगवन्नाम ही एकमात्र सहारा है। कुछ लोग भगवान् के नाम को आधार बनाकर संसार से पार होने का प्रयत्न करते हैं पर कुछ लोग भगवान् से इतने अधिक विमुख होते हैं कि स्वयं तो आगे न आते अपितु जो भगवान् का नाम लेते हैं उनको भी रोकते हैं। ऐसे लोगों का त्याग कर देना चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा कि परम स्नेही बन्धु-बान्धव भी यदि भगवान् से विमुख हो तो उनका त्याग कर देना चाहिए। उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती 1008 ने देवर्षि नारद की कथा सुनाते हुए कही। उन्होंने कहा कि नारद जी बडे कृपालु गुरु हैं। वे स्वयं से ही आर्त के पास पहुँच जाते हैं और उसका दुःख दूर कर देते हैं। आजकल टेलीविजन में नारद जी को आदि पत्रकार कहकर, लडाई लगाने वाले के रूप में प्रस्तुत कर उनका मजाक उड़ाया जाता है जो कि अत्यन्त आपत्तिनजक है। नारद जी के जैसा कौन कृपालु है जो जब जहाॅ आवश्यकता होती है वहाँ वे स्वयं से पहुँच कर समस्या का निराकरण कर देते हैं। आगे कहा कि अन्यायी का आदर नहीं होना चाहिए। यदि समाज में अन्याय करने वाले का आदर हो जाएगा तो अन्याय करने वाले बढने लगेंगे। ,आज छठवें दिन कीभागवत कथा के यजमान विमलेश सिंह राजपूत रहे जिन्होंने पादुका पूजन भी किया। पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी के प्रवचन के पूर्व प्रमुख रूप से चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष व निजी सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी, ऋषिकेश संस्कृत विद्यालय के उप प्राचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप जी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संयोजन श्री अरविन्द मिश्र एवं संचालन ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द जी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्मचारी अचलानंद जी ज्योतिष पीठ के सीईओचंद्र प्रकाश उपाध्याय पंडित देवदत्त दुबेआचार्य पंडित राम कुमार शास्त्री सुंदर शर्मा अन्नु भैया सुनील शर्मा सोहन तिवारी माधव शर्मा रघु प्रसाद तिवारी पंडित आनंद उपाध्याय बद्री चौकसे नारायन गुप्ता लक्ष्मी नारायन अरविन्द पटेल, मुकेश राय मयंक पटवा कपिल नायक सहित आदि गुरु भक्त बड़ी संख्या में उपस्थित रहे कार्यक्रम के पश्चात सभी गुरु भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया ज्ञातव्य है कि चातुर्मास्य के अवसर पर पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज का गीता पर प्रवचन प्रातः 7.30 से 8.30 बजे तक भगवती राजराजेश्वरी मन्दिर में होता होता है जिसका प्रसारण 1008.guru इस यू ट्यूब चैनल पर प्रतिदिन होता है।
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