कभी बागरा तवा का जंगल सैकड़ों हेक्टेयर मैं हुआ करता था अब यह बिल्कुल नहीं बचा है विस्थापन की आड़ में हरे भरे वृक्षों की धड़ल्ले से कटाई हो गई है गांव को विस्थापित किया जा रहा है स्थानीय लोग कहते हैं जहां जंगल है हरियाली है बरसों पुराने वृक्षों को काटकर ही क्यों गांव बस आए जा रहे हैं इसकी एवज में कहीं वृक्षारोपण देखने को नहीं मिलता है बागरा तवा के जंगल से हजारों मजदूरों का रोजगार पेट पालन होता था जो अब बंद हो गया है जंगल कांटो पर्यावरण को बर्बाद करो सिर्फ यही बचा है अब तथाकथित पर्यावरण बॉडी भी चुप्पी साध कर तमाशा देख रहे हैं अगर इन गांव मैं सीबीआई जांच हो जाए निर्माण कार्यों की जांच हो जाए तो करोड़ों अरबों का घोटाला उजागर होगा यहां ऐसे कई अधिकारी कर्मचारी बरसों से पदस्थ रहकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं यह भी गंभीर जांच का विषय है इनके अकूत संपत्ति यों की जांच होना अति आवश्यक है एक अकेला अदना सा कर्मचारी लाखों का विस्थापन कई वर्षों से करवा रहा है यह भी सीबीआई लोकायुक्त जांच का विषय है
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