कौशांबी – प्रभा अस्पताल में तोड़फोड़ व संचालक का अपहरण कर लूट करने वालों दबंगों के खिलाफ संगीन …

अस्पताल में तोड़फोड़ व संचालक का अपहरण कर लूट करने वालों दबंगों के खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज,गिरफ्तारी के लिए लगी पुलिस टीम कौशांबी। सैनी थाना क्षेत्र के में तीन दिन पहले एक प्राइवेट अस्पताल में डाक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत का आरोप लगाकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। साथ में आए लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ व प्रबंधक को मारपीट कर चार पहिया वाहन से उठा ले गए जहां उसको बेरहमी से पीटकर जान लेने की कोशिश की गई। दबंगों ने जहा युवक को रखकर मार रहे थे वही मौके पर पहुंचकर अपने कब्जे में लिया जिससे उसकी जान बच गई। पीड़ित अस्पताल संचालक के भाई प्रतीक की तहरीर पर पुलिस ने अस्पताल में तोड़फोड़ करने वाले दबंगों के खिलाफ लूट समेत संगीन धाराओं में केस दर्ज लिया। दबंगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। पुलिस के डर से सभी फरार है। सैनी निवासी प्रतीक ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि मेरा छोटा भाई प्रवीण सैनी स्थित प्रभा अस्पताल का संचालक है। 11 जुलाई को प्रवीण कड़ा इस्माइलनगर से वापस आ रहा था तभी एक महिला ने गाड़ी रुकवाकर कहा कि हमारा मरीज रिफर हुआ है बहुत गंभीर है आप लेते चले। रास्ते में प्रभा अस्पताल में ले आकर दिखाया जहा डाक्टरों ने बड़े अस्पताल ले जाने को बोले। दूसरे अस्पताल ने गए जहा डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। नाराज लोगों ने प्रभा अस्पताल में आकर गिरोह बंद होकर कमल मोहन व दिनेश समेत अन्य लोगों ने आकर जमकर तांडव मचाया साथ ही अस्पताल संचालक प्रवीण को बंधक बनाकर अपहरण कर बर्बरता पूर्वक बेरहमी से पीटकर उसकी चैन लूट कर ले जान लेने की कोशिश की गई। साथ ही बोलोरो को भी तोड़ दिए। सैनी में गिरोहबंद दबंगों ने प्रवीण मौर्य की गला दबाकर हत्या का किया प्रयास समाजिक सहयोगियों कहना है कि दबंगों ने अस्पताल संचालक की लापरवाही का आरोप लगाकर बेखौफ़ होकर प्रवीण मौर्य की गला दबाकर हत्या को अंजाम दिए,इत्तेफ़ाक़ है कि जान बच गयीइससे साफ है कि दबंगों के अंदर कानून का कोई भय नहीं हैं,प्रदेश सरकार को इन गुंडों ने खुला चैलेन्ज दिए है।इनके हिसाब से सरकार सरकारी कानून का कोई मतलब नहीं।और इत्तेफ़ाक़ है कि उसकी जान बच गयी, गंभीर चोट से पीड़ित है, सैनी पुलिस का उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाना सही, परन्तु घटना को तीन दिन हुए,आरोपियों को पकड़कर अभी तक जेल नहीं भेजा जाना गलत है।

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