उत्कृष्ट विद्यालय को लेकर 14 बिंदुओं पर की थी शिकायत, जांच सिर्फ आर्थिक अनियमितता की। बड़वाह। शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय में कुछ माह पहले अज्ञात व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत के बाद कलेक्टर द्वारा बीते सप्ताह यहां पदस्थ शिक्षकों एवं तात्कालीन प्राचार्यों से रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया हैं। नोटिस स्कुल को मिलने के बाद उन्हें अब संबंधित लोगों को भेजा जा रहा हैं। जारी नोटिस के अनुसार स्कुल में पदस्थ संबंधित लोगों से आठ लाख रुपए से ज्यादा की रिकवरी निकाली गई हैं। इसमें सभी पर अलग-अलग मदों में अनियमित्ता का हवाला दिया गया हैं। हांलाकी जिन 14 बिंदुओं को लेकर शिकायत की गई थी, उसमें अभी भी कई बिंदु एेसे हैं, जिनकी जांच नहीं की गई। यदि बचे हुए बिंदुओं की भी गंभीरता से जांच की जाए तो आर्थिक अनियमित्ताओं के साथ ही अन्य कई तरह के मामलों का खुलासा हो सकता था। जांच के अनुसार इन मदों में निकाली रिकवरी राशि शिकायत के बाद बनाई गई जांच कमेटी जब स्कुल जांच करने पहुंची थी उस दौरान जांच दल को जांच से संबंधित कई दस्तावेज उपलब्ध ही नहीं कराए गए थे। इसके चलते जांच दल को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में कड़ी मशक्कत करना पड़ी थी। एक अप्रैल 2018 से पांच जून 2020 तक कैलाश खांडेकर प्राचार्य पद पर थे। उनके कार्यकाल में शाला विकास निधि-शाला विकास निधि कैशबुक, लेजर, बैंक पासबुक, व्हाउचर फाईल, स्टाॅक पंजी जांच दल को उपलब्ध ही नहीं कराया गया था। केरियर मार्गदर्शन निधि सुधीर राठौर व्याख्याता द्वारा किया गया। राठौर द्वारा इसके व्हाउचर नहीं लगाए गए। व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम निधि का कार्य तात्कालीन प्राचार्य सुरेशचंद्र जोशी व्याख्याता द्वारा किया गया लेकिन उनके द्वारा एक लाख पच्चीस हजार आठ सौ पिहत्तर रुपए के व्हाऊचर उपलब्ध नहीं कराए गए। वहीं परीक्षा निधि के संधारण कार्य के अड़तालिस हजार आठ सौ एक रुपए के व्हाउचर भी जोशी द्वारा प्रस्तुत नहीं किए गए थे। विज्ञान निधि का कार्य व्याख्याता जयश्री उपाध्याय द्वारा किया गया। उपाध्याय द्वारा 13105 रुपए के व्हाउचर नहीं लगाए गए हैं। वहीं गतिविधि शुल्क पीटीआई कालुराम वर्मा द्वारा किया जाना पाया गया। उनके द्वारा 14600 रुपए के व्हाउचर उपलब्ध नहीं कराए गए। कलेक्टर शिवराज वर्मा द्वारा जारी किए गए पत्र अनुसार सेवा निवृत्त प्राचार्य कैलाश खांडेकर पर 2 लाख 44 हजार 631 रुपए, तात्कालीन प्रभारी प्राचार्य सुधीर राठौर पर 3 लाख 26 हजार 888 रुपए, तात्कालीन प्रभारी प्राचार्य सुरेशचंद्र जोशी पर 1 लाख 87 हजार 584 रुपए, कालूराम वर्मा 14600 रुपए, जयश्री उपाध्याय व्याख्याता पर 34717 रुपए की राशि का उल्लेख कर वसूली प्रस्तावित की हैं। स्कूल की पहचान दारु गोदाम के नाम से कलेक्टर को अज्ञात व्यक्ति द्वारा 14 बिंदुओं की शिकायत की थी। जिसमें शिक्षकों की मनमानी, आर्थिक अनियमित्ता, शिकायतों के बाद भी कागजों में जांचों को गुम हो जाना, अध्यापकों के पास कोई काम ना होने के बावजुद वेतन का आहरण, स्कुलों में लगवाए गए सीसीटीवी कैमरे शिक्षकों द्वारा निकलवाकर अपने घर लगवाना, नवीन भवन में हुए भ्रष्ट्राचार के साथ ही जर्जर होते भवन जैसी कई लापरवाहियां स्कुल में बरती जा रही हैं। शिकायतकर्ता द्वारा जिक्र किया गया था कि प्राचार्य का पद रिक्त होने के चलते यहां पर उच्च अधिकारियों के साथ मोटी रकम देकर प्राचार्य पद का प्रभार लेते हैं, इसके बाद विद्यालय के मदों में लीपापोती करते हैं। उत्कृष्ठ विद्यालय को अब तक भी दारु गोदाम के नाम से ही पहचाना जाता हैं। हाई स्कुल का नया भवन भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा, इसकी जांच करने के बाद सब कुछ स्पष्ठ हो जाएगा। इस विद्यालय में सबसे ज्यादा वित्तीय लेनदेन होता हैं, इसके बावजुद यहां पढ़ाई के लिए संसाधनों की कमी हैं। पांचवे बिंदु में शिकायतकर्ता ने लिखा था कि यहां पदस्थ शिक्षक सिर्फ अपना वेतन लेने आते हैं, इनमें से कुछ तो एेसे भी हैं, जो कोई भी कार्य करने में सक्षम नहीं है फिर भी उच्च अधिकारियों के साथ लेन-देन कर अपना वेतन का आहरण करते रहते हैं। इस विद्यालय में दादा लोगों की नियुक्ति हो गई है, जो शासन-प्रशासन को अपनी जेब में लेकर घूमते हैं, उन्हें किसी भी तरह का कार्रवाई को कोई डर नहीं हैं। स्कुल का कोई भी रिकार्ड पूर्ण नहीं हैं। संस्था में रसायन शास्त्र का एक ही पद हैं, उसके बावजुद भी दो लोगों की पोस्टिंग हैं, यह लोग एक लाख रुपए की सैलेरी लेने के बाद भी छात्रों को कोचिंग आने के लिए दबाव बनाते हैं। कुछ एेसे शिक्षक भी है जो सप्ताह में सिर्फ एक या दो दिन हीं आते हैं ओर पुरे सप्ताह के हस्ताक्षर एक साथ करके चले जाते हैं। विद्यालय में दो बार सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा चुके हैं, जो कि यहां के शिक्षकों द्वारा अपने घर लगवा लिए गए। विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका हैं, जिसके चलते यहां कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती हैं।
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