चौसा थर्मलपावर प्लांट के लिए वाटर पाइप लाइन निर्माण शुरू , मुआवजा राशि को ले कर उग्र हुए किसान रोका निर्माण कार्य , बक्सर प्रशासन के हस्तक्षेप से शान्त हुए किसान , थर्मलपावर निर्माण कम्पनी एसजेवीएन पर किसानों ने लगाया मनमानी का आरोप ।
बक्सर से बबलु उपाध्याय की रिपोर्ट —-
एंकर – चौसा थर्मलपावर प्लांट के लिए वाटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य आरंभ कर दिया गया यह वाटर पाइप लाइन चौसा थर्मल पावर प्लांट के लिए लगाई जा रही है जिसमें गंगाजल पावर प्लांट तक पहुंचाया जाएगा ।
निमार्ण कार्य प्रारंभ किये जाने की सूचना जैसे ही किसानों को मिली कि इस जमीन के द्वारा कार्य आरंभ किया जा रहा हैं किसान आक्रोशित हो गए और काम रोकने के लिए पहुंच गए उनका कहना था कि उन्हें कंपनी के द्वारा वर्ष 2013 के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है जबकि यह उसी वक्त मिल जाना चाहिए था अब चूंकि मुआवजा देने में काफी विलंब हो गया है ऐसे में उन्हें वर्ष 2022 के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए ।
किसानों के हंगामे की सूचना पर बक्सर एसडीएम धीरेंद्र कुमार मिश्रा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गोरख राम तथा अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया । किसानों ने कहा कि वह विकास कार्य में निश्चय ही सहयोग करेंगे ।
बक्सर के एसडीएम के द्वारा किसानों को अपने कार्यालय में आने की बात कहीं गई जहां उनके साथ बैठक कर उनकी बातों को समझने और मामले के निराकरण का प्रयास होगा.
बक्सर एसडीएम का कहना है कि किसानों के समक्ष भ्रम जैसी स्थिति थी जिसे दूर किया गया है और उनके साथ बैठक कर उन्हें और भी अच्छी तरह समझाया जाएगा. साथ ही उन्हें यह भी बताया जाएगा कि वह अपनी बात उचित फोरम पर कैसे रख सकते हैं ।
बताते चले कि विकास की बड़ी परियोजना 1320 मेगावाट चौसा थर्मल पॉवर प्लांट के वाटर पाइप लाइन के लिए गंगा नदी के किनारे थर्मल पॉवर प्लांट के अधिकारी, बक्सर के डीसीएलआर, एएसडीएम, सर्किल इंस्पेक्टर तथा भारी संख्या में महिला व पुरुष पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी से कार्य आरंभ किया गया ।इस बात की जानकारी मिलते ही एक साथ सैकड़ों किसान मौके पर पहुंच गए और बिना मुआवजा दिए काम करने का आरोप लगाते हुए विरोध करने लगे. किसानों ने कहा कि अधिकारियों के द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है ।