गोटेगांव – गरीबों की है आवाज शटल ट्रेन का आखिर कब होगा आगाज

गोटेगांव – गरीबों की है आवाज शटल ट्रेन का आखिर कब होगा आगाज

नरसिंहपुर गोटेगांव विगत लंबे अरसे से गरीबों की ट्रेन कहीं जाने वाली इटारसी सतना शटल बंद होने के कारण आने जाने वाले यात्रियों को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है आखिर कब तक क्षेत्र की जनता जनहित की सुविधाओं के लिएतरसती रहेगी उनके दुख दर्द व परेशानियों पर आखिर कोई ध्यान क्यों नहीं देता जब कि जहां एक ओर शासन द्वारा आम नागरिकों की सुविधा के लिए अनेक प्रकार की योजनाओं के माध्यम से विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है ”ऐसे में गरीबों की है आवाज आखिर कब होगा शटल ट्रेन का आगाज,,वहीं दूसरी ओर रेल्वे विभाग द्वारा गरीब जनता जनार्दन की सुख सुविधा के लिए चलाई जा रही इटारसी सतना शटल को छीनकर ग्रामीण अंचलों से आवागमन करने वाले गरीब ग्राम वासियों का रोजी रोटी का सहारा छीन कर उन्हें बेरोजगार बना दिया शटल ट्रेन के माध्यम से गरीब व मध्यम श्रेणी के परिवारजन क्षेत्र मे पड़ने वाली छोटे छोटे रेल्वे स्टेशनों पर आने जाने के लिए एक बेहतर साधन होने के साथ- साथ अनेक गरीब परिवारजनों के रोजी रोटी का सहारा भी यह ट्रेन थी कई महीनों से बंद पड़ी हुई इस ट्रेन के कारण गरीबों की रोजी रोटी कासहारा छीन जाने के साथसाथ यात्रियों को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करते हुए पापी पेट की भूख मिटाने के लिए यहां वहां दरदर भटकना पड़ रहा है क्षेत्रवासियों द्वारा शटल ट्रेन चलाए जाने हेतु ज्ञापन सौंपा जाने के साथसाथ समाचार पत्रों द्वारा क्षेत्रवासियों की मांग को लगातार प्रकाशित किया जा रहा है परंतु इसके बावजूद भी रेल्वे विभाग में बैठे उच्च अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौन धारण किए हुए हैं आखिर कब तक गरीब जनता जनार्दन के साथ पक्षपात किया जाता रहेगा इससे ऐसा प्रतीत होता हैकि रेल्वे विभाग एवं शासन द्वारा गरीब जनता की सुविधा के लिए उपलब्ध शटल ट्रेन को सुनियोजित तरीके से कुछ दिनों के लिए बंद करने का बहाना बना कर बिना नोटिफिकेशन जारी किए सदा के लिए बंद कर दी गई है जोकि समय आने पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है, स्वतंत्र भारत में भी सुख सुविधाओं के लिए तरस रहे नागरिक इस संबंध में क्षेत्रवासियों का कहना है कि ऐसा सुनने और पढ़ने को मिलता थाकि जनता जनार्दन के हितों व सुखो को छीनने छपटने की घटनाऍ अक्सर अंग्रेजी शासन काल में हुआ करती थी परंतु ऐसा स्वतंत्र भारत मे हो तो विश्वास करने योग्य नहीं होता है लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते रेल विभाग ने क्षेत्र की जनता जनार्दन के साथ ऐसा ही छलावा कर दिया जिससे गरीब जनता अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही है क्योंकि क्षेत्रवासियों को उनकी सुख सुविधाएं रोजगार,शिक्षा स्वास्थ्य दुख दर्द परेशानियों में सहायक बनी इटारसी सतना शटल ट्रेन को बंद करके शासन प्रशासन जता दियाकि भले ही लोक तंत्र मे लोक के सबल होने का सिद्धांत रहता है पर यहां तंत्र ने लोक की आत्मा को ही कुचल कर रख दिया है गोटेगांव तहसील के अधिकांश क्षेत्र ग्रामीण बहुल क्षेत्र है जहां आवागमन स्वास्थ्य शिक्षा रोजगार के साधन ना के बराबर उपलब्ध है ऐसी स्थिति में अपनी जरुरत की आवश्यकता की पूर्ति के लिए आसपास के शहरी क्षेत्रों मे जाकर जीवन की बुनियादीजरूरतों की पूर्ति करने के लिए मजबूर होना पड़ता है क्योंकि शटल ट्रेन हम गरीबों का आने-जाने के साथसाथ व्यापारिक गतिविधियों का सुलभ साधन था जो कि लगभग चार वर्षों से पूर्णता:ठप्प हो जाने के कारण सैकड़ों लोगो के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है क्योंकि जब ट्रेन चलती थी तो क्षेत्र के अधिकांश युवा जबलपुर जाकर छोटी मोटी नौकरी करके अपना जीवन यापन करने लगे थे किंतु शटल ट्रेन के बंद होने के बाद युवा फिर बेरोजगार हो गया शटल ट्रेन के बंद करने से यहां का जनजीवन जैसे अस्त व्यस्त होने के साथ ही गांवों के गरीब मजदूर किसान बेरोजगार छोटे व्यापारी कितनी लाचारी बेबसी महसूस कर रहे है इसका अंदाजा शासन प्रशासन सरकार मे उच्च पदो मे बैठे लोग नहीं कर सकते है अगर उन्हें जनता जनार्दन की परेशानियों का थोड़ा सा भी दुख दर्द है तो उनकी परेशानियों को समझते हुए शीघ्र शटल ट्रेन चालू कराए जाना जनहित की दृष्टि से न्यायोचित होगा, मध्यप्रदेश समाचार टाइम्स प्रतिनिधि आशीष साहू नरसिंहपुर

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