गौरतलब है कि औरंगाबाद जिला के एक छोटी सी रियासत रायपुर ,ग्राम के दक्षिण बटाने नदी के तट पर एक छोटी सी पहाड़ी पर बसी सत्यचण्डी शक्ति पीठ के दरबार मे आज आद्रा नक्षत्र के अंतिम रविवार को लेकर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन तथा प्रसाद अर्पण किया आपको बता दूं यह माता रानी का दरबार आदि अनादि काल से चला रहा है लोगों का मानना था जब यहां कोलभील समुदाय का साम्राज्य हुआ करता था उस समय दी माता रानी का दरबार में पूजा अर्चना किया जाता था , माता रानी के दरबार मे उपस्थित पुरोहित एवं जानकार लोगों से जब माता रानी की दरबार के बिषय में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया की माता शतचंडी का दरबार यहां आदि अनादि काल से है , उन्होंने यह भी बताया है माता रानी के 108 खंडपीठ में एक सत्यचंडी खंडपीठ भी है जहां माता रानी सती की हाथ का उंगली गिरी थी जिसका वर्णन कई वेदों और पुराणों में वर्णित है खास करके आद्रा नक्षत्र तथा नवरात्रा के वक्त जो भी श्रद्धालु श्रद्धा भक्ति के साथ माता रानी के दरबार में आते हैं और सच्चे ह्रदय से जो भी मुरादे लेकर आते हैं तो उनकी मुरादे पूरी होती है . उन्होंने यह भी बताया कि आज माता रानी के दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटा है उन्होंने यह भी कहा कि खासकर आसपास के इलाकों की बात की जाए तो आद्रा नक्षत्र में तकरीबन 10 कोस के क्षेत्र में बसे गाँव के हर घर से माता रानी की पूजा अर्चना होता है जो आदि अनादि काल से होता हुये आ रहा है
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