सोनो (जमुई)/ मुस्लिम धर्म के प्रमुख त्योहार के रूप में मनाया जाने वाला ईद उल अजहा का पर्व साल के आखिरी महीने में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस महीने बकरीद का पर्व मनाने के पीछे सदियों से जो मान्यता चली आ रही है उसके अनुसार हजरत इब्राहिम को अल्लाह ने ख्वाब में हुक्म दिया था कि वह अपने प्यारे बेटे हजरत इस्माइल को कुर्बान कर दे अल्लाह के द्वारा हजरत इब्राहिम के लिए यह एक इम्तिहान था जिसमें जब वह अपने प्यारे बेटे की कुर्बानी के लिए तैयार हो गए, ज्योंही इब्राहिम ने कुर्बानी के लिए हाथ में छुरी उठाई तभी छुरी के नीचे एक मेमना आ गया और वह कुर्बान हो गया, तब से बकरे की कुर्बानी की प्रथा प्रारंभ हुई। मेमने की कुर्बानी के बाद फरिश्तों के सरदार जिब्रील अमीन ने इब्राहिम को खुशखबरी सुनाते हुए अल्लाह द्वारा कुर्बानी कबूल करने की बात कही। मुस्लिम समुदाय द्वारा आपसी प्रेम और भाईचारे को बनाते हुए कुर्बानी की रस्म अदा की जाती है। क्षेत्र अंतर्गत बकरीद पर्व को लेकर जहां चारों और तैयारियों का दौर जारी है जहां अमीर से लेकर गरीब तबका बकरीद की तैयारियों में जोरों शोरों से जुटा है, इस पर्व पर शांति व्यवस्था कायम करने के लिए अंचलाधिकारी राजेश कुमार, थाना अध्यक्ष चितरंजन कुमार एसआई जितेंद्र कुमार, त्रिपुरी यादव, और दशरथ पासवान के अलावे दर्जनों पुलिस कर्मी मोहजुद थे,पैरामटियाना,ढोंढरी , सहित दर्जनों गांव में फ्लैग मार्च करते हुए लोगों को आपसी भाईचारे और प्रेम से पर्व मनाने का संदेश दिया साथ ही किसी तरह व्यवधान उत्पन्न उत्पन्न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी निर्देश दिया।
Posted inBihar