कानपुरसिया धर्म गुरु मौलाना अली अबास का मामला काफी सुर्खियों में हैं,जो कि पिछ्ले 40,साल से कानपुर के ग्वालटोली में जामा मस्जिद के पेश इमाम है जो किं 40 साल से बच्चों तथा बच्चियों को नि शुल्क तालीम शिक्षा देते आ रहे है, जिनकी उम्र लगभग 80 वर्ष की है,पूर्व में कुछ क्षेत्र के दबंगों द्वारा मौलाना को मस्जिद से निकालने के लिए संयंत्र रचकर मौलाना तथा परिवार पर जानलेवा हमला किया गया,परिवार तथा अपने पर आई गंभीर चोटों को लेकर पीड़ित मौलाना ने सभी पर 307 अन्य संगीन धाराओं में थाना ग्वालटोली कानपुर नगर से मुकदमा दर्ज कराया,जिसमें तीन आरोपी को कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने कार्यवाही के तहत जेल भेज दिया,जब इन सब से क्षेत्र के दबंग जीत ना पाए तो,कोतवाली गंगा घाट जनपद उन्नाव में निशुल्क शिक्षा के लिए मौलाना द्वारा ली गई जमीन जो कि 11 वर्ष पहले किसान राजेश से ली गई थी,जिसका बैनामा दाखिल खारिज मौलाना के नाम पर कब्जा भी मौलाना के पास है,इलाके के कुछ दबंग लगातार घिनौनी साजिश रच कर मौलाना साहब वह पूरे परिवार को जेल भिजवाने की फिराक में हैं कोतवाली गंगाघाट उन्नाव में किसान राजेश द्वारा इस बकाए में पूर्व में बेची गई जमीन के संबंध में प्रार्थना पत्र दिलवाया गया और आरोप लगाया कि दाखिल खारिज की जमीन पर अभी बकाया बाकी है परंतु यह बात कुछ हजम सी होती नहीं दिखाई पड़ रही एक कहावत वर्षों से चली आ रही है झूठ झूठ होता है सच पराजित नहीं होता मौलाना तथा परिवार वाले न्याय की आस लिए कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की ठोकरें तथा दर-दर भटक रहे है दूसरी ओर परिवार द्वारा आरोप है कि एसीपी मोहम्मद अकमल 80 वर्ष के मौलाना अली अब्बास तथा बेटों से जल्द मस्जिद छोड़ने का दबाव बना रहे है,जब कि इस संबंध में उच्च न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है न्यायालय ने कमिश्नरेट पुलिस को आदेश दिए हैं जब तक कोई फैसला या आदेश ना हो मौलाना तथा परिवार को मस्जिद से ना निकाला जाए अब सवाल या उठता है अगर इतनी मोटी रकम उधार करके क्या कोई किसान बैनामा कर सकता है,बगैर पैसा लिए वक्त जमीन पर मौलाना को क्या कोई कबजा दे सकता है मौलाना ने पूरा जीवन सिर्फ बेसहारा तथा गरीब बच्चों को शिक्षा देने में बिताये है इन सब मामले की क्या निष्पक्ष जांच कराई जाती है या नहीं*
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