अष्टान्हीका पर्व के पूर्व मां जिनवाणी की हुई वैयावृत्ति” बेड़ियां- वर्तमान काल में भौतिक सुख-सुविधाओं के चक्कर में आज की पीढ़ी की धर्म से दूरी बढ़ती जा रही है। जैन समाज के अजय शाह एवं पंकज जटाले ने बताया कि आज की पीढ़ी को धर्म से जोड़ने हेतु विभिन्न धार्मिक आयोजन किए जाते हैं एवं साधु संतों द्वारा रचित ग्रंथ मंदिर जी में रखकर पठन-पाठन किया जाता है। परंतु वे भी रखरखाव के अभाव में जीर्ण शीर्ण हो रहे होते हैं । जैन समाज के अष्टान्हीका पर्व 25 जून से प्रारंभ हो रहें हैं। जिसके पूर्व स्थानीय महिला मंडल द्वारा ग्रंथों को कवर, वेलवेट एवं लेस आदि लगाकर सजाया जा रहा है। जिससे युवा पीढ़ी को ग्रंथ की ओर रुझान बढ़ेगा एवं धर्म से भी जुड़ेगा।इस पुनीत कार्य में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही।
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