श्री श्याम एवं दादी मंदिर नियामतपुर धाम के प्रांगण में 20 से 26 जून तक सात दिवसीय श्रीमद् भगवत कथा का आयोजन के चतुर्थ दिन शुक्रवार देर शाम को श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव मनाया गया। इस दौरान वृंदावन से पधारे कथामर्मज्ञ श्रीराम मोहन जी महाराज ने कहा कि जीवन संसार के मुसाफिर है मंजिल नहीं मंजिल आत्मदर्शन है स्वस्वरूप का बोध है श्रीहरि अवतार की कथा सुनाते हुए पूज्य महाराज जी ने बताया कि गजेंद्र को जैसे आपस के परिवार वालों ने साथ नहीं दिया, ऐसे ही जिस समय हम संसारियों को अपने गृहस्थ और करीबी लोगों से सब से ज्यादा अनुकूलता की अपेक्षा होती है उसी समय प्रतिकूलता प्रदान करते हैं श्रीहरि अवतार श्री प्रहलाद भक्त चरित्र की कथा एवं नरसिंह अवतार की कथा सुनाते हुए रामा अवतार का दर्शन कराते हुए पूज्य महाराज ने श्रीकृष्ण अवतार की बात कही सभी भक्तजनों को श्रवण कराते हुऐ बताया कि भगवान ने जो कार्य किया है सत्य की रक्षा के लिए धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया धर्म की रक्षा के लिए हमारी आरती पूजा का जो विधान है अगरबत्ती, पूजा, चंदन, तीर्थ व्रत ये अलग-अलग हो सकता है लेकिन इसका कारण सिर्फ सत्य की रक्षा करना है। कथामर्मज्ञ श्रीराम मोहन जी महाराज ने श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव के उपलक्ष पर “नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की” जैसे भजनों पर भक्त भावविभोर होकर झूमते रहे। इस दौरान बधाईयां,चॉकलेट,मिठाईयां, खिलौने बांटी गई। श्रीमद् भगवत कथा का रसपान करने के लिए शिल्पांचल के बराकर, चिरकुंडा, कुल्टी आसनसोल,रानीगंज आसपास के क्षेत्रों से भक्त पहुंच रहे है। श्रीमद् भगवत कथा के आयोजन को सफल बनाने मे पिंटू अग्रवाल,विशाल शर्मा,अंकित अग्रवाल, शिबू शर्मा,पंकज अग्रवाल, शक्ति बोहरा,सहित मंदिर कमिटी के भी अनेक सदस्य अहम भूमिका निभा रहे है।
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