उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से टूटा नहर का तटबंध, जिसके कारण नदी के तेज बहाव में सड़क भी बह गई ,किसानों की जमीन को भारी नुकसान हुआ खटीमा के चकरपुर लाल कोठी में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से नहर के तटबंध टूटने का मामला सामने आया है जिसको देखते हुए खटीमा के चकरपुर लालकोठी में मुख्य शारदा नहर से सिंचाई हेतु निकलने वाले शारदा पोषक नहर में जहां सिंचाई विभाग द्वारा पानी छोड़ा गया था जिसे प्रवीन नदी अभी कहा जाता है। वहीं नहर में पानी छोड़े जाने के बाद नहर का पानी लाल कोठी के पास सायफन में लगातार रिस रहा था। जिसकी शिकायत समय-समय पर कई बार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के जेई व अन्य कर्मचारियों को स्थानीय लोगों के द्वारा दी गई थी। लेकिन लगातार नहर से रिस रहे पानी को सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा बंद नहीं किया गया। जिसका परिणाम यह हुआ शुक्रवार को दिन के समय जिस स्थान पर नहर के पानी का रिसाव हो रहा था वहां पर नहर के तटबंध और सड़क को तोड़कर पानी किसानों के खेतों में बह गया।वही नहर के तटबंध टूटने से मुख्य हाइवे से आने वाली सड़क भी पानी के साथ बह गई।नहर के पानी के द्वारा अचानक तटबंध टूट जाने की सूचना पर से स्थानीय लोगो में हड़कंप मच गया। नहर के तटबंध टूट जाने की सूचना उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को स्थानीय लोगों द्वारा दी गई। जिसके बाद लालकोठी मुख्य नहर के फाटक बंद कर नहर में छोड़े गए पानी को बंद किया गया। वही शारदा पोषक नहर के तटबंध के टूट जाने के बाद स्थानीय किसान बबलू धामी की दो से ढाई एकड़ जमीन जहां पानी के तेज बहाव में बह गई। वही कई किसानों के खेतों में नहर का पानी भी घुस गया, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। फिलहाल सूचना पर तहसील खटीमा के अधिकारियों ने भी मौके का मुयायना किया है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही उदासीनता के चलते किसानों को हुए नुकसान के बाद स्थानीय किसानों में भारी आक्रोश है। टनकपुर मुख्य हाईवे से लाल कोठी को जाने वाली सड़क मार्ग के बह जाने से भी स्थानीय लोगों के आवागमन प्रभावित हो गया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की नहर से तटबंध टूटने के बाद किसानों को हुए नुकसान पर उन्हें मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।
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