औरंगाबाद आइएसओ 9001 : 2015 प्रमाणन प्राप्त औरंगाबाद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल यानी सदर अस्पताल की कुव्यवस्था पर यहां के बीजेपी सांसद भड़क उठे। उन्होने अस्पताल के पूरे सिस्टम की बखियां उघेड़ कर रख दी। अस्पताल की कुव्यवस्था को लेकर उन्होने अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट(डीएस) को जमकर डांट-फटकार लगाई. सांसद ने सिविल सर्जन की मौजूदगी में कहा कि लोग अस्पताल आ रहे है और यहां डॉक्टर नही रह रहे है. मरीज लौट जा रहे है. इनको कौन देखेगा. आपको रोगी नही देखना है. कोई मर जाएगा तो उसको छोड़ देना है, मरते हुए. मानवता भी देखिएं. डॉक्टर का मतलब क्या होता है? किसी का प्राण चला जाएंगा तो आप वापस ला सकते है. कोशिश तो करना है बचाने का. आपलोग का रवैया ठीक नही है. हमलोग आमरण अनशन पर बैठेंगे. धरना देंगे. हमलोग कौनों सत्ताधारी दल के आदमी है कि हमलोगो को कोई लाचारी है. इतना कुछ सुनाने के बाद सांसद वहां से चल दिए. बाद में सांसद ने कहा कि सदर अस्पताल में 100 बेड का भवन बन रहा है. निर्माण की क्वालिटी तो खराब है ही. वही इतने बड़े अस्पताल के लिए पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नही है. डॉक्टरों की गाड़िया, मरीजों को लेकर आने वाले वाहन और मरीजों के तीमारदारों का वाहन कहा खड़ा होगा, इसके लिए पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था है ही नही. अस्पताल में मरीजों का बेहतर ख्याल नही किया जाता है. सांसद ने यह भी कहा कि जिस तरह बिहार सरकार हर मामले में फेल है, उसी तरह सदर अस्पताल भी फेल है।
Posted inBihar