केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर फिर बोला जोरदार राजनीतिक हमला बोलते हुए कहा कि भागलपुर पुल का कमीशन खाए पलटू राम और उल्टू राम और दोषी ठहरा रहे केंद्र को । बिहार की जनता सब जानती है। 2024 के चुनाव में इन्हें पलट कर उलाट देगी । पिछले 10 दिनों के अंदर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे चौथी बार अपने संसदीय क्षेत्र बक्सर में पहुंचे,, जहां विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर उन्होंने ब्रह्मपुर में स्थित विश्व प्रसिद्ध गोकुल जलाशय योजना का निरीक्षण कर वृक्षारोपण किया। इस दौरान मंत्री ने कहा कि 62 करोड़ की लागत से इस गोकुल जलाशय झील का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इस दौरन मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगुवानी पुल का मलाई पलटू राम और उलटू राम खाये और पुल टूटने का जिम्मेवार केंद्र सरकार को बताएं, बिहार की जनता सब कुछ देख रही है 2024 के लोकसभा चुनाव में इन्हें पलटकर उलाट देगी । अगुवानी पुल का कमीशन खाये है चाचा भतीजा वही गंगा नदी पर निर्माणाधीन अगवानी पुल गिरने के मामले को लेकर एक बार फिर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि, पुल का माल खाए चाचा और भतीजा और इसका जिम्मेवार दूसरा राजनीतिक पार्टी कैसे हो जाएगा। जो माल खाया है उसका जिम्मेवार वही होगा। और ये लोग कमीशन नही खाये है तो क्यो नही सीबीआई स जांच करा लेते है। अब ये लोग कहते है कि सीबीआई इंजीनियर नही है। सीबीआई में सब कुछ जांच करने की क्षमता है। लेकिन ये चाचा भतीजा यंहा जंगल राज स्थापित करना चाहते है। 23 जून के बैठक पर कसा तंज वही महागठबंधन की 23 जून के होने वाले बैठक पर तंज कसते हुए इन्होनेबकहा कि बैठक कर ले या गले मिल ले ,बिहार की जनता इनको उलाटने के लिए पहले से ही तैयार बैठी हुई है। आखिर बिहार में एक ही अधिकारी को सभी विभाग का जिम्मेवारी क्यों दे दिया जा रहा है। इससे साफ हो जाता है कि जितना अधिक से अधिक कमीशन देने वाला अधिकारी होगा उसी को सारा विभाग दे दिया जाएगा। और इसी भ्रष्टाचार की बेदी पर आज बिहार का बलि ये लोग चढ़ा रहे है। बाइट्स –अश्विनी कुमार चौबे केंद्रीय राज्य मंत्री भारत सरकार गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टी के नेता पूरे जोशो खरोश के साथ जनता को अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे हुए है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल को बेमिसाल बताते हुए, जनसंवाद कर रहे है। वही महागठबंधन के नेता 18 दलों के ताकत को एक जुट कर नरेन्द्र मोदी को चुनवती देने की तैयारी में लगे है। लेकिन दोनों की रणनीति कितना कामयाब होती है यह तो समय ही बताएगा ।
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