जहां प्रखंड कार्यालय में बायोमेट्रिक का इस्तेमाल शून्य है यानी इसका इस्तेमाल ही नहीं होता है यह दिखावे के लिए एक सफेद हाथी के समान है। प्रखंड कार्यालय में काम करने वाले कौन-कौन से ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें इनके बारे में जानकारी है और वे अपनी उपस्थिति इस बायोमेट्रिक के जरिए दर्ज करवाते हैं। प्रखंड कार्यालय में जब दृश्यों को देखा जाता है तो साफ पता चलता है इस बायोमेट्रिक का कोई इस्तेमाल नहीं है यानी आप अपनी ड्यूटी में मनमाने तरीके से आ सकते हैं और मनमाने तरीके से जा सकते हैं अर्थात इस बायोमेट्रिक का इस्तेमाल इन कार्यों के लिए होता नहीं दिख रहा है। अब सवाल उठता है कि बायोमेट्रिक किसी भी कार्यालय में क्यों लगाई जाती है इस बायोमेट्रिक का क्या इस्तेमाल होता है और इससे सरकार के अधिकारियों को क्या लाभ मिल पाता है। इसकी जानकारी अधिकारियों को है या नहीं। अगर जानकारी है तो इसका इस्तेमाल क्यों नहीं और अगर जानकारी नहीं है तो ये यहां क्यों और किसने लगा दिया।कही ऐसा तो नहीं कि यह बायोमेट्रिक सिर्फ एक दिखावे के तौर पर यहां प्रखंड कार्यालय में लगा दिया गया है जिससे लोगो संग अधिकारियों को झुठलाया जा सके और ड्युटी मनमाने तरीके से हो सके।
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