केंद्रीय बैंक ने कहा, वैश्विक आर्थिक बदलाव से भारत चालू वर्ष में लाभप्रद स्थिति में है। मजबूत वित्तीय क्षेत्र, स्वस्थ कॉरपोरेट क्षेत्र, सरकारी खर्च पर लगातार जोर, वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं के पुनर्गठन व महंगाई के मोर्चे पर नरमी से वृद्धि की रफ्तार बनी रहेगी।
मजबूत आर्थिक नीतियों और खाने-पीने सहित अन्य मोर्चों पर कीमतों में नरमी के चलते 2023-24 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रह सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि महंगाई का खतरा कम हुआ है। 2023-24 में महंगाई दर 5.2 फीसदी पर रहेगी। घरेलू आर्थिक गतिविधियों को निराश वैश्विक दृष्टिकोण से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, पर लचीली घरेलू वित्तीय स्थिति से नए विकास के अवसर बने रहेंगे।
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