औरंगाबाद – अब औरंगाबाद की वादियो में भी महकेगी कश्मीर की खुशबू क्यो की अब औरंगाबाद के किसानो ने…

आपको बता दु की लोगों को लगता था कि बिहार में किसान सिर्फ पारंपरिक फसलों की ही खेती करते हैं, लेकिन ऐसी बात नहीं है. यहां किसान अब अन्य राज्यों की तरह आधुनिक विधि से बागवानी फसलों की भी खेती कर रहे हैं यही वजह है कि लीची, लंबी भिंडी, मशरूम और मखाने के उत्पादन में बिहार नंबर वन राज्य बन गया है. अब यहां पर किसानों ने सेब की खेती भी शुरू कर दी है. प्रदेश में कई किसानों ने सेब बेचकर अच्छी कमाई की है. औरंगाबाद जिला बिहार के सबसे गर्म जिलों में से एक है. पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से यहां पर बहुत अधिक गर्मी पड़ती है. इसके बावजूद भी यहां पर एक किसान ने सेब की खेती शुरू की है. इससे पहले इस किसान ने स्ट्रॉबेरी की खेती कर औरंगाबाद का नाम रोशन किया था. दरअसल, कुटुम्बा प्रखंड के चिल्हकी बिगहा गांव के किसान ब्रजकिशोर मेहता ने सेब की खेती शुरू की है. अभी उन्होंने 2 कट्ठे जमीन पर सेब के 100 पेड़ लगाए हैं. खास बात यह है कि सभी सेब के पौधे में फल आने शुरू हो गए हैं. हरमन-99 किस्म की खासियत है कि इसे गर्म मौसम में उगाया जा सकता है किसान ब्रजकिशोर मेहता ने बताया कि सेब की खेती शुरू करने से पहले उन्होंने समस्तीपुर स्थित पुषा कृषि विज्ञान केन्द्र में जाकर ट्रेनिंग ली थी. जिला उद्यान कार्यालय द्वारा उन्हें ट्रेनिंग लेने के लिए पुषा कृषि विज्ञान केन्द्र भेजा गया था, ताकि गर्म मौसम में सेब की खेती करने की बारीकी सीख सकें. उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग ने सब्सिडी पर उन्हें हरमन-99 किस्म के पौधे उपलब्ध करवाए थे. 100 पौधे खरीदने में करीब 10 हजार रुपये खर्च हुए थे. हरमन-99 किस्म की खासियत है कि इसे गर्म मौसम में उगाया जा सकता है. हरमन-99 किस्म के पौधे की उम्र 25 से 30 साल होती है हरमन-99 किस्म का पौधा 45 डिग्री तक तापमान सह सकता है. यह तीन साल के अंदर फल देना शुरू कर देता है. इसके एक पौधे से तीन साल बाद आप 25 से 30 किलो सेब तोड़ सकते हैं. हरमन-99 किस्म के पौधा की उम्र 25 से 30 साल होती है. यानी कि एक बार खेती शुरू करने के बाद आप 25 साल तक कमाई कर सकते हैं. साल 2014 में उन्होंने 10 कट्ठे में स्ट्रॉबेरी के खेती की बता दें कि ब्रज किशोर मेहता ने बिहार में सबसे पहले स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की थी. साल 2012 में महज 6 पौधों से उन्होंने इसकी खेती शुरू की थी. फिर, साल 2014 में उन्होंने 10 कट्ठे में स्ट्रॉबेरी के खेती की. इससे उन्हें अच्छी आमदनी हुई. इसके बाद वे कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे. अब वे कई तरह की बागवानी फसलों की खेती कर रहे हैं, जिससे अच्छी कमाई हो रही है.

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