उत्तराखंड में नेपाल सीमा से सटे ग्राम नगला तराई के लोहिया हेड पावर हाउस के समीप नहर में एक कार के गिर जाने से तीन परिवारों में छाया मातम एंकर – दरअसल एक इनोवा कार लोहियाहेड वाली शारदा नहर में समा गई जिस वजह से उसमें सवार तीन बच्चों सहित पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।सभी पाँचो मरतक तीन अलग अलग परिवारों के है इनोवा कार स्वामी मोहन सिंह धामी खटीमा के पास अनजनिया गांव में किसी जानकर के घर सम्मपन्न हुए एक महिला संगीत कार्यक्रम में भाग लेने गए थे इसी महिला संगीत कार्यक्रम में मोहन सिंह धामी की पहले से ही जान पहचान वाली महिला दुर्गा भी शामिल होने गई थी। महिला संगीत में शामिल हुए कुछ लोगों ने बताया कि लगभग चालीस वर्षीय मोहन सिंह धामी ने महिला संगीत से वापिस चलते समय अपने गाव नगरा तराई के पास पड़ने वाले लोहियाहेड पावर हाउस कालोनी निवासी दुर्गा ने मोहन से कहा कि वह चलते समय मुझे भी रास्ते में पड़ने वाले घर पर मुझे भी छोड़ देना जिससे मोहन ने साथ अपनी गाड़ी में बिठा लिया दुर्गा के साथ उनकी खुद की नौ वर्षीय बेटी ज्योति ओर दुर्गा के भाई की सात वर्षीय बेटी दीपिका ओर भाई का ही पाँच वर्षीय बेटा सोनू भी शामिल था सभी मोहन सिंह धामी की गाड़ी में बैठ गए। खटीमा के पास जल विधुत उत्तपादन करने वाली राज्य सरकार की इकाई लोहियाहेड पावर हाउस कॉलोनी में कार्यरत 34 वर्षीय महिला दुर्गा चंद को एक ही गांव में साथ रहने के कारण मोहन जानते थे । मोहन सिंह अपने गाव के पास ही पड़ने वाले लोहियाहेड पावर हाउस कॉलोनी में दुर्गा के बच्चों व दुर्गा के भाई के बच्चों को छोड़ने लोहियाहेड पावर हाउस जा ही रहे थे कि रास्ते में ही लोहियाहेड पावर वाली शारदा नहर में मोहन सिंह की कार अनियंत्रित होकर गिर गई।कार में सवार सभी लोगों की दर्दनाक मौत हो गई घटना स्थल के पास किसी ने भी इस घटना को नहि देखा ओर ना ही घटना स्थल के पास कोई भी सी सी टी वी केमरा ही लगा था इसलिए कार के नहर में कार के गिरने का कारण क्या था यह भी पता चलना मुश्किल ही है लेकिन घटना स्थल पर मिले सभी ग्रामीणों ने बताया कि कार अनियंत्रित होकर ही गिरी होगी। घटना बीती रात नो बजे के आस पास होने का पता चला है घर पहुचने के कुछ समय पहले ही दुर्गा ओर मोहन दोनो ने ही फ़ोन पर अपने-अपने घर वालों को बताया था कि वो दस मिनट में ही घर पहुचने वाले है लेकिन जब बहुत देर तक भी ना तो दोनो परिवार अपने-अपने घर ही पहुँचे ओर ना ही कोई वापिस कोई फ़ोन ही आया। इसी वजह से घर वालों ने जब फ़ोन किया तो सबके फ़ोन स्विच ऑफ़ मिले, जिस कारण दोनो के घर वालों ने तत्काल खोज खबर की तो नहर में गाड़ी गिरी मिली, जिस कारण पुलिस को सूचना देने पर रस्सी के सहारे गाड़ी बाहर खिची गई ओर कार से छिटक कर नहर में गिरे सभी शवों को गोतोखोरो की मदद से सभी शव बाहर निकाला गया। सभी शवों को बाहर निकलते समय घटना स्थल पर मोजुद कैलाश चंद ओर पहरलाद सिंह ने बताया कि अगर घटना की खबर कुछ ओर समय बाद मिलती तो नहर में पानी बहुत अधिक होने के कारण गोटोखोरो के लिए सभी शव निकाल पाना आसान काम नही था। मोहन सिंह धामी काफ़ी सम्पन्न परिवार के है ओर लोगों की काफ़ी मदद भी करते रहते थे गाँववालों ने बताया कि आए दिनो लोगों को अपना ट्रैक्टर या मोटर्सायकल कार देकर या पैसे से कभी किसी की मदद करना अथवा कभी भी किसी को हॉस्पिटल छोड़कर आना इत्यादि जैसे भी हो अपने गाव में सभी को कभी भी किसी भी मदद करने से पीछे नही हटते थे। मोहन सिंह के भाई माधव ने बताया कि मोहन काफ़ी मिलन सार थे गाव में कभी किसी के काम के लिए तो ज़ुबान पर ना तो थी ही नही।उधामसिंह नगर के एस पी मनोज कत्याल ने बताया कि सभी शवो के पोस्ट मारटम के लिए सभी शव पोस्ट मार्टम घर में रखवा दिए गए है। इस घटना से गाव में शोक की लहर है तीनों परिवारों में सभी परिजनो का रो रो कर बुरा हाल है।मोहन सिंह धामी की पत्नी ओर माँ को तो घटना पर भरोसा ही नहि हो रहा है पत्नी तो रो रो कर बेसुध ही हो गई
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