स्क्रिप्ट। काजी नजरुल विश्वविद्यालय के तरफ से विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम की जन्मस्थली जामुड़िया के चुरुलिया में कवि के 124वें जन्मदिन के अवसर पर 43वें मेले का आयोजन बड़े धूम-धाम किया है। हालांकि काजी नजरुल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह तीसरा मेला है। इस दिन मेले की शुरुआत चुरुलिया क्षेत्र में प्रभात फेरी लगा कर किया गया। इस वर्ष अन्य वर्षों की तरह सात दिवसीय मेला नहीं है।यह मेला तीन दिनों तक ही चलेगा। यह निर्णय मुख्य रूप से होने वाले लागत में कमी के कारण लिया गया है।इस मेले में देश के अलग-अलग हिस्सों के अलावा बांग्लादेशी कलाकार भी यहां पहुंचेगे और कवि को सम्मान देंगे।इस मेले में अलग अलग 21 स्टॉल लगाए गए हैं।
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