भिण्ड – जिले की अटेर – तहसील मे ग्राम पंचायत महापुर व ग्राम पंचायत रैपुरा चढ़ी भ्रष्टाचार की भेट!…

भिण्ड जिले की अटेर – तहसील मे ग्राम पंचायत महापुर व ग्राम पंचायत रैपुरा चढ़ी भ्रष्टाचार की भेट! ग्राम पंचायत महापुर, व रैपुरा के सरपंच, सचिव, सब इंजीनियर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद अटेर,सभी के नॉलेज में है ये दौनों पंचायत, सभी अधिकारी मिलकर कर रहे हैं पंचायत राशि का बंदर बांट, शिकायतों के बावजूद कोई भी अधिकारी नहीं आया आज तक जांच करने, पंचायतो में धमा धम चल रही है JCB और ट्रैक्टर! एंकर – भिण्ड जिले की अटेर तहसील में ग्राम पंचायत महापुर और ग्राम पंचायत रैपुरा दोनों पंचायतो में मनरेगा के नाम पर धांधली कर रहे हैं सरपंच और सचिव, पंचायतों की शिकायत होने के बाद भी अधिकारी नहीं दे रहे हैं ध्यान, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महापुर सरपंच पति धर्मेंद्र नरवरिया और सब इंजीनियर जे.एस.नरवरिया दौनों एक दूसरे के मामा फूफा भाई लगते हैं! मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत भिण्ड के द्वारा अटेर A.E. श्री एच.एस. यादव जी को आदेशित किया गया कि उक्त पंचायतो की जाँच कर कार्यवाही करे तो संबंधित अधिकारी के द्वारा अपने जूनियर अधिकारी सब इंजीनियर श्री जे.एस.नरवरिया को आदेश दिया कि दौनों पंचायतो की जांच करें परंतु सरपंच के रिस्तेदार होने की बजह से आज तक कोई जांच नहीं हुई है जबकि अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला चार दिन पहले से है परंतु सरपंच भी मंत्रियों के खाश आदमी है तो फिर किसी अधिकारी की मजाल कहाँ है कि जाँच हो या कार्यवाही हो, हमने इस भ्रष्टाचार की खबर नीचे से लेकर ऊपर तक सभी अधिकारियों के संज्ञान में दे दी है, पूर्व में भी दिनाँक 25/11/2022 को जिला पंचायत सीईओ भिण्ड के द्वारा रिकवरी के आदेश दिए गए परन्तु सब ठंडे बस्ते में डाल दिए अब देखते हैं कि अधिकारी कार्यवाही करते हैं या नहीं अगर कार्यवाही नहीं होती है तो साफ-साफ जाहिर है कि सभी अधिकारी इस भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं क्योंकि ग्रामीणों के द्वारा लगातार शिकायतें करने के बाद और मीडिया के द्वारा भ्रष्टाचार उजागर करने के बाद भी अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में हिस्सेदार है! क्योंकि अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है कि हमारे ऊपर भी कोई अधिकारी है, और सरपंच इस लिए निश्चिन्त है कि मे तो जनसेवक हूं जब शासकीय कर्मचारियों को किसी का डर नहीं है तो हमारा कोई क्या बिगाड़ लेगा, इसलिए तो कहा जाता है कि “खुदा मेहरबान तो, गधा पहलवान,, जिन सरपंचों के पास बाइक तक उपलब्ध नहीं थी, उनके पास आज करोड़ों के बंगले और चार – चार फोरवीलर गाड़ी है ये सब अधिकारियों की ही मेहरबानी है अगर इनके विरुद्ध आय से अधिक सम्पत्ति की जांच की जाय तो सब कुछ सामने आ जाएगा “दूध का दूध और पानी का पानी” अब भिण्ड जिले के अधिकारी अगर कार्यवाही करने में नाकाम होते हैं तो अब संभाग आयुक्त चंबल संभाग और या फिर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भोपाल जो अंतरिम निर्णायक होता है पंचायत विभाग का, अब बस कार्यवाही का इंतजार है अगले कुछ पलों मे अन्यथा ग्रामीणों ने अब तैयारी कर ली है भोपाल जाने की!

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *