CSR फंड (CORPORATE SOCIAL RESPONSIBILITY) का बंदर बांट कर रहे है NGO और फैक्ट्री प्रबंधन, हर साल लाखों रुपये खर्चा होता है कागजों में, परन्तु मालनपुर क्षेत्र में कोई विकास नहीं! एंकर – भिण्ड जिले की गोहद तहसील मे मालनपुर इंडस्ट्रियल एरिया में गोदरेज कंज्यूमर्स नामक फैक्ट्री संचालित है, जो टॉयलेट सोप का निर्माण करती है, उपरोक्त फैक्ट्री के द्वारा प्रति वर्ष NGO एजेंसियों को लाखों रुपये कमिशन वेश पर CSR फंड के नाम से दिया जाता है जिसको आपस मिल बांट कर खा लेते हैं, जिसमें क्षेत्र के दबंग और गुंडे, बदमाश, व ठेकेदार सब मिलकर खा जाते हैं, जबकि क्षेत्रीय जनता को कुछ भी नहीं मिल पाता है सिवाय प्रदूषण के जब कि इस कानून के तहत देश में कॉर्पोरेट्स औद्योगिक संगठनों को सामाजिक काम करने के लिए बाध्य किया गया है। सामाजिक काम यानी समाज के उत्थान में जो आवश्यक हो जैसे समाज के जरूरतमंद लोगों तक लाभ पहुँचाना हो या कमजोर वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाना हो, या आपदा-विपदा आदि के समय लोगों को आवश्यक सेवा पहुँचाना हो, जैसे कार्य सीएसआर पर किए जाते हैं। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) को एक प्रबंधन अवधारणा के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसके तहत कंपनियाँ अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ सामाजिक और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को उनके हितधारकों के साथ एकीकृत करती हैं। जबकि उपरोक्त फैक्ट्री प्रबंधन ने क्षेत्र के दबंग और गुंडों बदमाशों को ठेका दे रखा है जो NGO एजेंसियों से मिल कर बंदर बांट कर के लाखों रुपये डकार रहे हैं और इस विषय में कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति बात करने को तैयार नहीं है! हमने गोदरेज फैक्ट्री प्रबंधन से CSR फंड के सम्बंध में बात करनी चाही तो एक-एक करके सभी अधिकारी भाग गए! कोई भी वाईट देने को तैयार नहीं हुआ!
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