राजेश सिंह गहरवार सीधी, नगर परिषद मझौली में अध्यक्ष पद के निर्वाचन के समय से ही भाजपा पार्षद दो खेमे में बंट गए थे, जिनमें कुछ अध्यक्ष के साथ आज भी हैं जबकि कुछ भाजपाई पार्षद प्रतिपक्ष की भूमिका अदा कर रहे हैं। जिससे यही कहा जा सकता है कि अपने ही दल के पार्षद अध्यक्ष को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। ताजा मामला 28 अप्रैल को सुबह 10:55 पर सामने आया जब वार्ड क्रमांक 6, 4, 11, व 13 के पार्षद गण एवं नगर क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि परिषद कार्यालय पहुंचे। जहां सिर्फ दो कर्मचारी राकेश कुमार जयसवाल एवं विजय सिंह बाघेल उपस्थित रहे। जबकि अन्य कर्मचारी एवं अस्थाई कर्मचारी अनुपस्थित रहे। वहीं हितग्राही अपने काम के लिए कर्मचारियों को ढूंढते एवं परेशान नजर आए। मौके पर ही पार्षद गणों द्वारा पंचनामा तैयार किया गया, जिसमें वार्ड क्रमांक 10 की हितग्राही निराशा पति गोविंद प्रजापति,वार्ड क्रमांक 11 के जीतेश साहू एवं वार्ड क्रमांक 14 की रानी यादव सभी लाडली बहना योजना का फार्म भरवाने परिषद कार्यालय आए थे। लेकिन कर्मचारियों के न रहने से न तो उनका काम हुआ और ना ही समय दिया गया कि किस समय आए ताकि उनका काम हो जाए। उपाध्यक्ष के साथ पार्षद गण कर्मचारी उपस्थिति रजिस्टर का भी अवलोकन किए एवं अनुपस्थित कर्मचारियों के कालम में निरंक किया गया। साथ ही उपखंड अधिकारी मझौली को पहले मोबाइल से परिषद कार्यालय की वस्तु स्थिति अवगत कराया गया, इसके बाद लिखित आवेदन में पंचनामा संलग्न कर उपखंड अधिकारी को दिया गया है जिसमें समुचित कार्यवाही की मांग की गई है। निरीक्षण टीम में उदयभान यादव उपाध्यक्ष नगर परिषद एवं पार्षदों में लवकेश सिंह, हिमांशु तिवारी, गोविंद साकेत एवं सुशीला सिंह एवं विधायक प्रतिनिधि रामसखा शर्मा मौके पर मौजूद रहे। इनका कहना आधे से ज्यादा अस्थाई कर्मचारी सीएमओ एवं अध्यक्ष के मिलीभगत से उनके घरों में काम कर रहे हैं और वेतन नगर परिषद से भुगतान की जा रही है। कर्मचारियों के अभाव में हितग्राही परेशान हैं जिसमें प्रमुख जवाबदेही अध्यक्ष की होती है। हिमांशु तिवारी पार्षद वार्ड क्रमांक 13 *चूंकि लाडली लक्ष्मी योजना के आवेदन का अंतिम समय चल रहा है इसलिए कई पार्षदों के साथ परिषद कार्यालय में निरीक्षण के लिए आए हैं।जहां 20 की संख्या में लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही महिला परेशान दिखी। क्योंकि 11:00 बजे तक कर्मचारी नदारद रहे। जिसके संबंध में एसडीएम को अवगत कराया गया है और पंचनामा के साथ लिखित आवेदन उन्हें दिया जाएगा। लवकेश सिंह पार्षद वार्ड क्रमांक 6 *कर्मचारियों की मनमानी यह बताती है कि अध्यक्ष के उदासीनता से कर्मचारी निरंकुश हैं।अध्यक्ष अपने कर्तव्य के प्रति उदासीन हैं यही वजह है कि लाडली बहना के साथ-साथ अन्य योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को नहीं मिल रहा है जिससे क्षेत्र में आमजन के बीच गलत मैसेज जा रहा है और सरकार की किरकिरी भी हो रही है जबकि सीएमओ से ज्यादा अध्यक्ष की जवाबदेही होती है। रामसखा शर्मा विधायक प्रतिनिधि *चार-पांच दिन से परिषद में कोई सीएमओ नहीं है और ना ही किसी को प्रभार मिला है। कर्मचारियों का नियंत्रण करना सीएमओ के अधिकार क्षेत्र की बात है हमारे संज्ञान में जहां कमी दिखती है या कोई शिकायत करते हैं तो सीएमओ को पत्राचार किया जाता है। रही बात आरोप-प्रत्यारोप की तो यह मेरे अध्यक्ष के निर्वाचन होने के समय से ही चल रहा है बाकी हमारे घर में न तो कोई कर्मचारी काम करता है और ना ही ऐसी स्थित बनी है आप अपने स्तर से खुद निगरानी कर सकते हैं वास्तविकता क्या है सबको पता है। शंकर साथ गुप्ता अध्यक्ष नगर परिषद मझौली
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