कानून की बात करें तो भारतवर्ष में ऐसे कई कानून हैं जो मानव अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं हमारे संविधान ने हमें ऐसे कई अधिकार दिए हैं जिनके प्रयोग मात्र से ही एक इंसान को वह सभी अधिकार प्राप्त होंगे जो मानव अधिकार कहलाते हैं लेकिन अक्सर देखा गया है की जानकारी के अभाव में लोगों को उन अधिकारों का फायदा नहीं मिलता ह्यूमन राइट्स काउंसिल के नेशनल चेयर पर्सन जगजीत सिंह बीते कई वर्षों से इस दिशा में प्रयासरत हैं कि लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी मिले और किसी को भी अपने अधिकार से वंचित ना होना पड़े बीते कई वर्षो तक जगजीत सिंह ने मानव अधिकार के क्षेत्र में काफी काम किया है और कई वंचित और शोषित लोगों को न्याय दिलवाया है यह मूलतः बच्चों बुजुर्गों महिलाओं के साथ हुई नाइंसाफीओं के मुद्दों को उठाते हैं और उनको न्याय दिलवाने की कोशिश करते हैं लेकिन अब उन्होंने अपने काम का दायरा बढ़ाया है और अब उन्होंने नशे के खिलाफ भी मुहिम छेड़ दी है हमारे संवाददाता ने जब उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि विगत कई वर्षों से वह वंचित और शोषित वर्ग के लोगों को उनके अधिकार दिलवाते आए हैं उन्होंने बताया कि विशेषकर बुजुर्गों को बच्चों और महिलाओं के साथ जो नाइंसाफी होती है उसे लेकर वह काम करते आए हैं उन्होंने बताया कि अकसर देखा गया है की महिलाओं को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है और वह तुरंत अदालत का दरवाजा खटखटाती है जगजीत सिंह ने बताया कि उनकी संस्था की तरफ से ऐसी महिलाओं को काउंसलिंग दी जाती है इसके लिए विभिन्न समय शिविर लगाए जाते हैं जहां पर महिलाओं को समझाया जाता है कि अदालत का रास्ता ही एकमात्र रास्ता नहीं है उससे पहले भी अदालत के बाहर मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था यह नहीं चाहती कि किसी का घर टूटे किसी का परिवार बिखर जाए लेकिन जब नौबत इस तरह की आ ही जाती है तो उनके संस्था की कोशिश रहती है कि महिलाओं को उनका उचित न्याय और अधिकार मिले इसके लिए वह कोशिश करते हैं और उन्हें इस बात की खुशी है कि न सिर्फ पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे भारतवर्ष में उनकी संस्था को ऐसे कई मामलों में कामयाबी मिली भी है वही जगजीत सिंह ने बताया कि अब एक और सामाजिक अभिशाप को लेकर उन्होंने एक मुहिम छेड़ी है वह है नशे की लत उन्होंने कहा कि उन्होंने देखा है कि किस तरह से युवा पीढ़ी नशे की लत की आदि हो रही है और इसमें अपना सर्वस्व खो रही है इस समस्या के समाधान के लिए भी उन्होंने मुहिम छेड़ी है उन्होंने कहा कि जब हम गंदगी की सफाई करते हैं तो सबसे पहले अपने घर से ही इसकी शुरुआत करते हैं नशा नामक गंदगी की सफाई के लिए भी उन्होंने सबसे पहले अपने अंचल यानी रानीगंज से ही इस मुहिम को शुरू करने का फैसला किया है वह चाहते हैं कि युवा पीढ़ी नशे की इस बुरी आदत से छूटे और पूरा समाज नशा मुक्त हो । वही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ भी उनकी संस्था निरंतर संघर्ष कर रही है और उनको इस बात की खुशी है कि केंद्रीय प्रशासन हो या राज्य प्रशासन सभी से उनको इस दिशा में सहयोग मिलता है लेकिन भ्रष्टाचार को अगर पूरी तरह से उखाड़ फेंकना है तो इसके लिए आम जनता को जागरूक होना जरूरी है और इसमें भी अपने अधिकारों के बारे में जानना सबसे पहला कदम है उनकी संस्था इसी काम पर ज्यादा तवज्जो देती है कि लोग अपने अधिकारों के बारे में जाने ताकि कोई भी आम जनता को बरगला कर अपना उल्लू सीधा ना कर सके । अंत में उन्होंने कहा कि वह और उनकी संस्था हमेशा समाज के वंचित और शोषित वर्ग की लड़ाई लड़ने के लिए सक्रिय हैं उन्होंने कहा कि उनका वेबसाइट ह्यूमन राइट्स काउंसिल डॉट को डॉट इन पर कोई भी अपनी परेशानियों के बारे में बता सकता है और उनकी संस्था जरूर उनकी मदद के लिए आगे आएगी!
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